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उपहार देने की कला…रिश्ते को गूढ़ रूप देने का सबसे प्यारा तरीका..!

उपहार एक नया रिश्ता जोडऩे का और रिश्ते को गूढ़ रूप देने का सबसे प्यारा तरीका है। किसी अपने को उपहार देते समय खुशी की अनुभूति होती है। एक अमूल्य प्यार उस तोहफे में पिरोया होता है। उपहार देने वाले की भावनाओं की कद्र करना ही उपहार लेने वाले का कर्तव्य है। उपहार देने वाला उपहार लेने वाले की भावनाओं का अनुमान देते समय लगा लेता है।
उपहार देते समय आयु, अवसर और रिश्ते को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है। ऐसा जरूरी नहीं कि कीमती उपहार ही अच्छा उपहार हो सकता है। उपहार यदि पसन्द को ध्यान में रखते हुए दिया जाये तो उसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है, जैसे किसी को कुछ संग्रह करने का शौक है, यदि आप इस बात को जानती हैं। तो उसके संग्रहालय में एक और वृद्धि कर सकती हैं।
उपहार देते समय उपहार सुन्दर ढंग से पैक करके दें जिससे लेने वाला खोलते समय कई अनुमान लगाता रहे।
बच्चों को बच्चों की उम्र के अनुसार चाकलेट, पसंदीदा बिस्कुट, रंग करने वाली पुस्तकें, छोटी कहानियों की किताबें, छोटे-छोटे गेम आदि दे सकते हैं। किशोरों को उनकी पसंद के गानों की कैसेट्स, सीडी, डीवीडी, किशोर लड़कियों को छोटे-छोटे आभूषण, कॉस्मेटिक का सामान, किशोर लड़कों को शेविंग किट, परफ्यूम, सुन्दर रूमाल, उनकी आयु के अनुसार ज्ञान बढ़ाने वाली पुस्तकें, सुंदर लिखने वाले पैड व बढिय़ा पैन आदि दे सकते हैं।
नववधू को घर पर काम आने वाली वस्तु, रसोईघर का सामान या नकद भी दे सकते हैं जिससे वे अपनी जरूरत का सामान ले सकें। बड़े लोगों (यानी उम्र में ) को खास उनकी पसंद को ध्यान में रखकर ही कुछ उपहार दें क्योंकि उन्हें लेने का मौका कम मिलता है। अधिकतर वे देते ही रहते हैं।
आयु के साथ अवसर को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उपहार लेते समय किस अवसर पर आप ने उपहार देना है, उसे ध्यान में रखते हुए उपहार खरीदें । विवाह के अवसर पर किसी बड़़े डिपार्टमेन्टल स्टोर का कैश वाउचर दे सकते हैं जिसे आवश्यकता पडऩे पर खरीदा जा सकता है या फिर घर और रसोईघर में काम आने का सामान आदि, घर में अनोखा सजावट का सामान दे सकते हैं।
मकान के शुभ मुहूर्त पर रिश्ते की घनिष्ठता को ध्यान में रखते हुए नकद भी दे सकती हैं। सुन्दर बैडशीट, कुशन कवर, टेबल लिनन, कोई बर्तनों का आधुनिक सेट या छोटा सोने का आभूषण आदि भी दे सकती हैं परन्तु उपहार देते समय अपनी जेब को नजरअंदाज न करें क्योंकि उधार उठा कर कीमती उपहार देना भी बेवकूफी है।
उपहार देते समय आप जिस रिश्ते में उपहार दे रही हैं, उसको भी अहमियत दें। ननदों को उपहार देते समय कुछ आम लोगों से अधिक करना चाहिए क्योंकि वे घर की बेटी हैं। उनको ससुराल में शर्मिन्दगी न उठानी पड़े।
अपने बहन भाइयों के बीच औपचारिकता न आने दें। स्पष्ट बात कर उनकी जरूरत के अनुसार उपहार चुनें। मित्रों और अन्य परिजनों को घनिष्ठता के अनुसार उपहार दें। माता-पिता, सास-ससुर को उपहार उनकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दें जैसे सर्दियों में गर्म वस्त्र, कम्बल, गर्म इनर्स, हीटिंग पैड्स, गर्म हवा फेंकने वाले पंखे आदि।
इस प्रकार इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए उपहार का चयन किया जाए तो उपहार सोने में सुहागे का काम करेगा और आपकी बुद्धि को भी सराहे बिना नहीं रहा जाएगा।