बिजली कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी, कैबिनेट की मुहर:कंज्यूमर काे सस्ती बिजली के लिए 14,500 करोड़ का अनुदान; धान से जुड़े उद्योग और इथेनाॅल प्लांट के लिए नई नीति जल्द - Jai Bharat Express

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बिजली कंपनियों को मिलेगी सब्सिडी, कैबिनेट की मुहर:कंज्यूमर काे सस्ती बिजली के लिए 14,500 करोड़ का अनुदान; धान से जुड़े उद्योग और इथेनाॅल प्लांट के लिए नई नीति जल्द



शिवराज कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में धान से जुड़े उद्योग को बढ़ावा देने और इथेनाॅल प्लांट के लिए नई नीति लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MSME विभाग को यह जिम्मेदारी देते हुए निर्देश दिए कि दोनों का प्रस्ताव जल्द से जल्द तैयार किया जाए। इसके साथ ही किसानों से खरीदे गए धान के लिए 3 स्लैब बनाने का निर्णय लिया गया है। यह स्लैब 50 से लेकर 200 रुपए के बीच में हाेंगे।

सरकार के प्रवक्ता एवं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि इस बैठक में मुख्य रूप से वर्ष 2020-21 में सस्ती बिजली के लिए वितरण कंपनियों काे 14 हजार 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 94 लाख परिवारों को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह बैठक में पिछले साल दीपावली से पहले कर्मचारियाें के लिए लागू की गई विशेष त्योहार अग्रिम योजना को स्वीकृति दी गई।

मध्य प्रदेश में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए राज्य सरकार 14 हजार 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी। जानकारी के मुताबिक, प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद बिजली कपंनियों को यह राशि ऊर्जा विभाग के माध्यम से दी जाएगी। शिवराज सरकार ने स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए फ्लैट रेट योजना 2013-14 में लागू की थी। इसमें 10 हॉर्सपावर तक के मीटर रहित स्थायी कृषि पंप उपभोक्ताओं को प्रति हार्सपावर सालाना 750 रुपए और इससे अधिक क्षमता के पंप वाले उपभोक्ताओं को प्रति हॉर्सपावर 1 हजार 500 रुपए बिजली देने का प्रावधान है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय दर से कम पर बिजली देने के कारण सरकार 9 हजार 773 करोड़ रुपए की सब्सिडी तीनों बिजली कंपनियों को देगी।

घरेलू उपभोक्ताओं, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है, उन्हें इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ दिया जा रहा है। इन्हें पहले 100 यूनिट तक 100 रुपए की दर से बिल लिया जा रहा है। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक मासिक खपत पर 25 रुपए देने होते हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को दर में रियायत देने के एवज में सरकार बिजली कंपनियों को 4 हजार 945 करोड़ रुपए का अनुदान देगी। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में बिजली की दरों में सरकार द्वारा दी गई छूट के लिए अनुदान दिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बिजली की दरें में रियायत देने के बदले बिजली कपंनियों को अनुदान देने के प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय कैबिनेट में लिया जाएगा।

सरकार ने कर्मचारियों को पिछले साल 4 हजार रुपए तक त्योहार अग्रिम देने का फैसला किया था। इस योजना को अनुसमर्थन के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। साथ ही कोरोना संकट के समय स्ट्रीट वैंडर्स को दी गई 1-1 हजार रुपए की सहायता देने का निर्णय को भी अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक में इसके अलावा अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श होगा।
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