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जिले की प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 6 हजार 81 करोड़ की संभाव्यता युक्त ऋण योजना का विमोचन

 जिले की प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 6 हजार 81 करोड़ की

संभाव्यता युक्त ऋण योजना का विमोचन



जबलपुर | कलेक्टर कर्म वीर शर्मा  की अध्यक्षता में नाबार्ड की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। इस दौरान नाबार्ड द्वारा तैयार जिले में वर्ष 2021-22 की संभाव्यता युक्त ऋण योजना का विमोचन किया गया। जो 6081.53 करोड़ रुपए की है। 

नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक, श्री अपूर्व गुप्ता ने बताया कि संभाव्यता युक्त ऋण योजना दस्तावेज में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध भौतिक संभाव्यता का बैंक ऋण के माध्यम से दोहन की संभावना का आंकलन किया जाता है। इस संभाव्यता आंकलन के दौरान जिले में वर्तमान में उपलब्ध अधोसंरचना, संभाव्यता के पूर्ण दोहन के लिए अपेक्षित अतिरिक्त अधोसंरचना, पिछले वर्ष में बैंक ऋण प्रवाह और आगामी वर्ष में संभावित अन्य परिवर्तनों को ध्यान में रखा जाता है। 

उन्होंने बताया कि विकास और उनके लिए अपेक्षित संसाधनों के मध्य एक सार्थक संबंध स्थापित करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जिले की संभाव्यता युक्त ऋण योजना तैयार की गई है। अग्रणी बैंक प्रबंधक, श्री एसके सिन्हा ने बताया कि इन संभाव्यता युक्त ऋण प्रणाली के आधार पर अग्रणी बैंक द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के लिए जिले का वार्षिक क्रेडिट प्लान आरबीआई के लीड बैंक स्कीम के तहत बनाया जाता है। 

उन्होंने कहा कि इस ऋण योजना में फसल उत्पादन रख-रखाव व वितरण के लिए 1955.56 करोड़ रुपए कृषि व संबंधित क्षेत्रों में निवेश ऋण के लिए 660.95 करोड़ रुपे, कृषि आधारित संरचना एवं सहयोगी इकाईयों के लिए 483.07 करोड़ रुपए, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए 1885.86 करोड़ रुपए और अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के लिए 1096.09 करोड़ रुपए की ऋण संभाव्यता का आंकलन किया गया है। नाबार्ड अधिकारी ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ऋण संभाव्यता में 12.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री रिजु बाफना, विभिन्न बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, लीड बैंक अधिकारी एसके सिन्हा, जिला उद्योग व्यापार केन्द्र, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य पालन एवं पशुपालन विभाग व अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।