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BBC के प्रसारण पर चीन ने लगाया बैन, कहा- नियम का किया उल्लंघन

 


नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवादके बीच चीन ने एक बड़ा फैसला लिया है। चीन की सरकार ने देश में बीबीसी के प्रसारण पर रोक लगा दी है। चीन के इस फैसले का अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने चीन के इस फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि हम चीन के इस प्रतिबंध की पूरी तरह से निंदा करते हैं।

नेड प्राइस ने कहा ये
अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि पीआरसी दुनिया में सबसे अधिक नियंत्रित, सबसे दमनकारी, कम से कम मुक्त सूचना स्थानों में से एक को बनाए रखता है। यह काफी परेशान करने वाला है कि पीआरसी चीन में स्वतंत्र रूप से संचालित आउटलेट्स और प्लेटफार्मों को प्रतिबंधित कर रहा है।

पहले भी चीन ने लिया ये बड़ा फैसला
हाल ही में ब्रिटेन ने चीनी सरकारी चैनल सीटीजीएन का लाइसेंस रद्द कर दिया था चीन ने एक सप्ताह पहले इसका जवाब देने की धमकी दी थी। बीजिंग के राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन प्रशासन ने देर रात दिए एक वक्तव्य में कहा कि चीन में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज ने नियमों का उल्लंघन किया है और देश के हितों को नजरअंदाज किया है। चीन में पहले ही कुछ होटलों, प्रतिष्ठानों और विदेशियों के लिए निर्मित आवासीय परिसरों के बाहर बीबीसी नहीं देखा जा सकता था। यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंध से इन जगहों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए- राजनाथ सिंह
आपको बता दें कि भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर अब तक नौ दौर की वर्ता हो चुकी है। ऐस में राजनाथ सिंह (Rajnath singh) ने कहा कि बातचीत के लिए हमारी रणनीति तथा दृष्टिकोण माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के इस दिशा निर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही यह फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं। सितंबर, 2020 से लगातार सैन्य और राजनयिक स्तर पर दोनों पक्षों में कई बार बातचीत हुई है कि इस डिसइंगेजमेंट का परस्पर स्वीकार्य करने का तरीका निकाला जाए। अभी तक वरिष्ठ कमांडर के स्तर पर 9 राउंड की बातचीत हो चुकी है।

भारत ने चीन से कही ये बात
सीमा विवाद के लेकर जारी गतिरोध के बाद से भारत लगाताय यहां शांति बहाली की दिशा में कार्य कर रहा है। इसके साथ ही भारत का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है। पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में भारतीय थल सेना के कम से कम 50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है।