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CARE Ratings ने विकास दर अनुमान में किया संशोधन, चालू वित्त वर्ष में 10.2 फीसद की दर से बढ़ेगी इकोनॉमी




कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण देशभर में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। कई राज्यों में आंशिक लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटा दिया है। रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में 10.2 फीसद की विकास दर का अनुमान जताया है। पहले यह अनुमान 10.7 से 10.9 फीसद का था। महीनेभर में कंपनी ने तीसरी बार अनुमानों में संशोधन किया है। केयर रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पिछले 30 दिन में हालात बहुत तेजी से बदले हैं।

इसे देखते हुए अनुमानों में बदलाव किया गया है। महाराष्ट्र में तेज संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने लॉकडाउन का एलान कर दिया है। अप्रैल के पहले हफ्ते से ही वहां आंशिक लॉकडाउन की स्थिति बनने लगी थी। आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी के इन कदमों से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। परिस्थितियों को देखते हुए पांच अप्रैल को रेटिंग एजेंसी ने 10.7 से 10.9 फीसद की विकास दर का अनुमान दिया था। महाराष्ट्र के बाद अब कुछ और राज्य भी सख्त कदम उठा रहे हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए ही विकास दर का अनुमान और कम किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों के विधानसभा चुनाव और कुंभ मेले के आयोजन के दौरान लाखों लोग साथ आए। इस दौरान शारीरिक दूरी के प्रविधानों का पालन नहीं हुआ। इनसे संक्रमण तेजी से फैला। एजेंसी ने चुनाव के बाद असम, बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में भी लॉकडाउन की आशंका जताई है।

रेटिंग एजेंसी ने ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) पिछले वित्त वर्ष के 124.11 लाख करोड़ से बढ़कर 136.82 लाख करोड़ पर पहुंचने का अनुमान जताया है। टैक्स कलेक्शन भी प्रभावित हो रहा है। इससे भी विकास दर पर असर दिख सकता है। एजेंसी का कहना है कि विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के कारण जीडीपी पर 0.8 से एक फीसद तक की कमी आ सकती है। मई में और जानकारियां मिलने के बाद एजेंसी फिर इन अनुमानों में संशोधन कर सकती है।