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फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की एक और खेप भारत पहुंच चुकी है. राफेल की पांचवीं खेप में 04 विमान हैं।


फ्रांस से भारत पहुंची राफेल की पांचवीं खेप, तय किया 08 हजार किलो मीटर का नॉनस्टॉप सफर


फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की एक और खेप भारत पहुंच चुकी है. राफेल की पांचवीं खेप में 04 विमान हैं। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने फ्रांस से इसे रवाना किया 

नई दिल्ली | भारत लगातार अपनी हवाई सुरक्षा मजबूत बनाये रखने के लिए कई अहम फैसले ले रहा है इसी बीच  राफेल लड़ाकू विमानों की पांचवीं खेप फ्रांस से भारत पहुंच चुकी है, इस खेप में चार राफेल लड़ाकू विमान हैं इस खेप को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने फ्रांस के मेरीग्नाक-बोर्दू एयरबेस से भारत के लिए बुधवार की सुबह रवाना किया था, वायुसेना के मुताबिक, ये चारों विमान 8000 किलोमीटर की नॉन-स्टॉप उड़ान भरकर ये विमान गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंचे हैं।


वायुसेना ने बताया कि फ्रांस से फ्लाइंग के दौरान मिड-एयर फ्रांसीसी और यूएई के फ्यूल टैंकर्स (विमानों) ने राफेल की रिफ्यूलिंग की आपको बता दें कि वायुसेना प्रमुख इन दिनों (19-23 अप्रैल) फ्रांस की आधिकारिक यात्रा पर हैं। फ्रांस में एयर चीफ मार्शल ने फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख से मुलाकात की और वहां ट्रेनिंग ले रहे भारतीय पायलट्स और इंजीनियरिंग क्रू से मुलाकात की

हाशिमारा में होगी तैनाती

एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच राफेल फाइटर जेट्स की दूसरी स्कॉवड्रन पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में तैनात की जाएगी। चीन-भूटान ट्राइ-जंक्शन के बेहद करीब हाशिमारा मेन ऑपरेटिंग बेस अप्रैल में बनकर तैयार हो जाएगा जानकारी के मुताबिक, अगले महीने तक भारत को फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की अगली खेप मिलने जा रही है. इस खेप में करीब आधा दर्जन राफेल फाइटर जेट्स हैं और ये सभी हाशिमारा बेस पर तैनात किए जाएंगे बता दें कि भारत को फ्रांस से अबतक 11 राफेल लड़ाकू विमान मिल चुके हैं. ये सभी 11 फाइटर जेट्स भारतीय वायुसेना की अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्कॉवड्रन (17 स्कॉवड्रन) में तैनात किए गए हैं. अंबाला पर तैनात गोल्डन एरो स्कॉवड्रन की पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी (चीन बॉर्डर) और पाकिस्तान से सटी एलओसी, दोनों ही मोर्चों की जिम्मेदारी है. हाल ही में पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर जब चीन से भारत की तनातनी चल रही थी, तब भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों को भी लद्दाख के फ्रंट-लाइन एयरबेस पर तैनात किया था, लेकिन हाशिमारा में तैनात राफेल फाइटर जेट्स की जिम्मेदारी सिक्किम से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक से सटी एलएसी की होगी.

हाशिमारा बेस उसी विवादित डोकलम इलाके के बेहद करीब है जहां वर्ष 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 75 दिन लंबा टकराव हुआ था, गौरतलब है कि अंबाला में राफेल की स्कॉवड्रन तैनात करने पर करीब 250 करोड़ रूपये का खर्च आया था, भारत ने वर्ष 2016 में फ्रांस से इंटर-गर्वमेंट एग्रीमेंट (आईजीए) के तहत 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया था. इन 36 विमानों में से 11 विमानों की खेप भारत पहुंच चुकी है।