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MP में पुलिस भर्ती बोर्ड का किया जाएगा गठन, 3 साल में भरे जाएंगे 21 हजार से ज्यादा पद :इस साल साढ़े 7 हजार पदों पर भर्ती


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हमने 7,500 रिक्त पदों पर भर्ती की अनुमति दी है। पुलिस के करीब 22 हजार 500 पदों पर भर्ती होनी है। इसलिए अब हर साल 7,500-7,500 पदों पर भर्ती कर तीन साल में पुलिस विभाग के सभी रिक्त पद भर दिए जाएंगे 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻


MP - भोपाल|मध्यप्रदेश में पुलिस आरक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर तक की भर्ती के लिए पुलिस भर्ती बोर्ड बनेगा। पुलिस भर्ती बोर्ड के माध्यम से ही प्रदेश में पुलिस के रिक्त पदों की भर्ती की जाएगी,मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को यह महत्वपूर्ण घोषणा की है। वे सीएम हाउस में पदक विजेता पुलिस अफसरों, कर्मचारियों और उनके परिवारजन के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।


सीएम यादव ने कहा कि अगले तीन साल में प्रदेश में 21 हजार से अधिक रिक्त पदों को भरा जाएगा। इस साल साढ़े 7 हजार पदों पर भर्ती होगी और इसके बाद अगले दो साल भी इतने-इतने ही पदों पर भर्ती की जाएगी। आज साढ़े 7 हजार पदों पर भर्ती किए जाने को मंजूरी दी गई है, लेकिन इसके बाद भी 20 हजार पद खाली रहेंगे। अगर भर्ती का काम अभी शुरू भी कर दें, तो अगले तीन साल में दो हजार पद फिर रिक्त हो जाएंगे। इसलिए तीन साल में सभी रिक्त पद भरे जाएंगे,उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के लिए स्वीकृत पदों की भर्ती मप्र पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से कर्मचारी चयन मंडल, भोपाल द्वारा की जायेगी। आगामी वर्षों की भर्तियां 'पुलिस भर्ती बोर्ड' द्वारा की जाएगी।



मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस, जेल और नगर सेना एवं सुरक्षा तीनों विभागों के शहीदों की विधवाओं और बच्चों के लिए स्नातक स्तर के सभी कोर्सेस में विभिन्न प्राथमिकता श्रेणियों में एक अतिरिक्त सीट पर आरक्षण दिया जाएगा। पुलिस भर्ती पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हमने 7,500 रिक्त पदों पर भर्ती की अनुमति दी है। पुलिस के करीब 22 हजार 500 पदों पर भर्ती होनी है। इसलिए अब हर साल 7,500-7,500 पदों पर भर्ती कर तीन साल में पुलिस विभाग के सभी रिक्त पद भर दिए जाएंगे।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों सहित उप पुलिस अधीक्षक और इससे उच्च अधिकारियों को भी अब छठवें वेतनमान का पद पात्रतानुसार निर्धारित विशेष भत्ता एवं जोखिम भत्ता दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गृह विभाग से जुड़ी सभी सेवाओं के आधुनिकीकरण एवं भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बहुत जल्द गृह एवं वित्त विभाग की संयुक्त बैठक कर सभी लंबित मसलों का समुचित समाधान निकाला जाएगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुशासन, आज्ञाकारिता और सेवा समर्पण ही यूनिफॉर्म सर्विसेस की मूल पहचान है। अपनी जिम्मेदारियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन और समर्पित सेवाओं से आपने न केवल अपने विभाग, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री डॉ, यादव ने अपनी असाधारण सेवाओं और उत्कृष्ट योगदान के लिए पदक विजेताओं के कुशल कार्यपालिक कार्य (परफेक्शन) को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि कर्तव्यनिष्ठा और पूर्ण सेवाभाव से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी प्रकार की यूनिफार्म सर्विसेस की सराहना करते हुए कहा कि आपकी विशिष्ट सेवाओं के लिए पदक तो आपको मिलता है, लेकिन मान हमारा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि आपकी सेवाओं में सरकार हर घड़ी आपके साथ है। पुलिस, जेल और नगर सेना एवं सुरक्षा विभाग के त्वरित आधुनिकीकरण के लिए कोई कमी, कोई ढिलाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी अपनी सेवाओं के साथ अपने परिवार को भी समय दें, अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और एक स्वस्थ एवं उन्नत समाज के निर्माण में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह नए दौर का भारत है। मध्य प्रदेश भी विकास की ओर एक नई उड़ान पर है। नक्सलवाद हमारे लिए गंभीर चुनौती है, यह देश के लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। हमने तय किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मार्च 2026 तक हम मध्य प्रदेश को नक्सलमुक्त कर देंगे।


मुख्यमंत्री ने सभी को स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देकर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़-दो साल में पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया है। मुख्यमंत्री ने डकैत उन्मूलन, नक्सल उन्मूलन, नशामुक्ति, सायबर फ्रॉर्ड, महिला सुरक्षा, गौवंश तस्करी, गुंडे बदमाशों, अवैध हथियार रखने पर सख्त अंकुश और ऑपरेशन सृजन जैसे नवाचारों के लिए पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि सरकार पुलिस सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए हमने पुलिस हॉस्पिटल का शुभारंभ, दिशा लर्निंग सेंटर और शहीद पुलिसकर्मियों के परिजन को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने जैसे कई प्रयास किए हैं। ये प्रयास हमेशा जारी रहेंगे।


स्वागत उद्बोधन में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की प्रेरणा से हमें अपनी सेवाओं की बेहतरी के लिए मानव एवं तकनीकी संसाधन मिल रहे हैं। गुरुवार 14 अगस्त को ही प्रदेश में आपातकालीन सेवा के रूप में डायल-112 का शुभारंभ हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पुलिस भर्तियां भी तेजी से चल रही हैं। नए आपराधिक कानूनों का भी हम प्रभावी रूप से पालन करा रहे हैं। हम ई-ऑफिस की तरफ बढ़ रहे हैं। पुलिस मुख्यालय ई-ऑफिस से लैस हो गया है, फील्ड की सभी इकाइयां भी ई-ऑफिस से जुड़ रही हैं। सायबर फ्रॉड से निपटने के लिए भी हमारी पूरी तैयारी है। प्रदेश में लोगों को नशामुक्त करने की जागरूकता के लिए हमने 'नशे से दूरी है जरूरी' अभियान चलाया है। इस अभियान के बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्रति मंगलवार को पुलिस जनसुनवाई भी हमने पुन: प्रारंभ की है। पुलिसकर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हमारा पूरा जोर है। उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण और आवश्यकतानुसार भर्तियों की सहज अनुमति देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीयता से आभार माना। कार्यक्रम के अंत में पुलिस महानिदेशक होमगार्ड्स चंचल शेखर ने सभी का आभार माना।


कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव गृह जे.एन. कंसोटिया, पुलिस महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं वरूण कपूर, वरिष्ठ अधिकारी सहित सभी पदक विजेता अधिकारी-कर्मचारी एवं उनके परिजन भी उपस्थित थे।


कार्यक्रम के आरंभ में पुलिस बैंड द्वारा स्वागत धुन बजाकर एवं परिजनों ने तिरंगा लहराकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी का अभिवादन स्वीकार कर उन्हें पदक पाने की बधाई दी। कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों एवं परिजनों द्वारा आकर्षक देशभक्ति गीत एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पदक विजेताओं और उनके परिजनों के साथ समूह चित्र भी खिंचवाए।


उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर 65 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को पदक देकर सम्मानित किया गया। इसमें वीरता के लिए 12 पुलिस अधिकारियों को पुलिस वीरता पदक, विशिष्ट सेवा के लिए 8 पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए जेल, नगर सेवा एवं नगर सुरक्षा के 3 अधिकारियों को विशिष्ट सेवा पदक, 32 पुलिस अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, 5 जेल पुलिस अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक तथा नगर सेवा एवं नगर सुरक्षा के 8 अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है।