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जिले में दस्तक अभियान शुरू 18 अगस्त तक चलेगा दस्तक अभियान


जिले में दस्तक अभियान शुरू 18 अगस्त तक चलेगा दस्तक अभियान।



बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दी जाएगी घर-घर दस्तक
 



जबलपुर
|बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण और उनमें होने वाली बीमारियों की पहचान के लिए जिले में आज सोमवार से दस्तक अभियान की शुरूआत हो गई। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉक्टर संजय मिश्रा ने सेठ गोविंददास जिला चिकित्सालय के एनआरसी सेंटर में 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ए की दवाई पिलाकर और ओ.आर.एस. का घोल बनवा कर अभियान का शुभारंभ किया गया। 

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर सीवी अरोरा ,जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी. जे. मोहंती, आरएमओ पंकज ग्रोवर, डॉक्टर के के वर्मा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ एस. एस. दाहिया, जिला मीडिया अधिकारी अजय कुरील, डीपीएम सुभाष शुक्ला, दस्तक अभियान के संभागीय नोडल अधिकारी योगेश शर्मा, एपीएम संदीप नामदेव, प्रमोद चौकसे, राम गोपाल मेहरा, रविशंकर कोस्टा की उपस्थिति में किया गया । 

क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि महीने भर तक चलने वाले इस अभियान में विकास खंड एवं शहरी क्षेत्रों का कोई बच्चा छूटने ना पाए, इसके लिए हर घर पर दस्तक दी जाएगी। किसी भी बच्चे में किसी भी प्रकार के रोग के लक्षण हैं तो उनके समुचित इलाज का प्रबंधन हो,घर वालों की बीमारी से संबंधित उचित परामर्श दिया जाए ।

दस्तक अभियान एक महत्वपूर्ण अभियान है जिसके माध्यम से बच्चों में होने वाली बीमारियों को समय पर पहचान कर बच्चों की मृत्यु दर में कमी ला सकते हैं। साथ ही विटामिन ए व आयरन सिरप के माध्यम से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर संभावित खतरों से बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की सतत मॉनिटरिंग का कार्य भी किया जाएगा इस अभियान में बच्चों में पाई जाने वाली प्रमुख बीमारियां जैसे निमोनिया, कुपोषण, दस्त, एनीमिया व जन्मजात विकृति के बच्चों की सक्रिय स्क्रीनिंग की जायेगी। समस्त 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक ए.एन.एम. या आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ता द्वारा दवा पिलाई जाएगी। साथ ही कुपोषित बच्चों की माँ को उचित खान-पान की सलाह देकर डिस्चार्ज बच्चों का फॉलोअप किया जायेगा। साथ ही टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की पहचान कर उन्हें टीकाकरण अभियान से जोड़ा जाएगा उन्होंने कहा कि दस्तक अभियान में ए.एन.एम. और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता बच्चों की स्क्रीनिंग करते समय उसकी रैंकिंग निकालेंगे जो बच्चे गम्भीर बीमारियों से ग्रसित होंगे उन्हें चिन्हित कर उनकी सूची बनाएंगे एवं उन्हें बीमारियों के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु डाटा तैयार कर अग्रिम कार्यालय को भेजा जाएगा।