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जबलपुर कलेक्टर ने जारी किये प्रतिबंधात्मक आदेश सभी होटलों, लॉज और धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों की सूचना प्रतिदिन संबंधित पुलिस थाने में देना अनिवार्य


पेईंग गेस्ट तथा घरेलू एवं व्यावसायिक नौकरों की सूचना पुलिस थाने को देना अनिवार्य होटल, लॉज, धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की भी देना होगी जानकारी।

नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर जिला दंडाधिकारी ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश आपत्तिजनक एवं उद्वेलित करने वाले मैसेज सोशल मीडिया पर पोस्ट करना और फारवर्ड करना भी प्रतिबंधित।


जबलपुर |जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने लोकहित एवं नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा तथा असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर जिले में स्थित सभी होटलों, लॉज और धर्मशालाओं में ठहरने वाले व्यक्तियों की सूचना प्रतिदिन संबंधित पुलिस थाने में देना होटल एवं लॉज मालिक के लिए अनिवार्य कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि होटल, लॉज एवं धर्मशाला के मालिकों को ठहरने वाले हर व्यक्ति से पहचान पत्र अनिवार्य रूप से लेना होगा तथा उनकी सूची प्रतिदिन संबंधित पुलिस थाने को देना होगी। 

आदेश में घरेलू एवं व्यावसायिक नौकरों को रखने की सूचना भी पुलिस थाने में देना जरूरी कर दिया गया है। पुलिस को सूचना देने के बाद ही घरेलू एवं व्यावसायिक नौकरों को रखा जा सकेगा, आदेश के मुताबिक पूर्व से रखे गये घरेलू एवं व्यावसायिक नौकरों की जानकारी भी जल्द से जल्द पुलिस थाने में देना होगी। जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में पेईंग गेस्ट या किरायेदार रखने के पहले मकान मालिक को इसकी सूचना पुलिस को देना होगी। पुलिस को सूचना देने के बाद ही पेईंग गेस्ट को रखा जा सकेगा। जिन्हें पूर्व में ही रखा जा चुका है उसकी सूचना भी तत्काल पुलिस थाने को मकान मालिक को देना अनिवार्य किया गया है।

आदेश में जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सअप जैसे सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर साम्प्रदायिक वैमनस्यता पैदा करने वाले, आपत्तिजनक अथवा उद्वेलित करने वाले फोटो, चित्र, वीडियो एवं मैसेज पोस्ट करने फारवर्ड करने, लाइक करने और इन पर कमेंट्स करे को भी प्रतिबंधित किया गया है। संबंधित अधिकारियों को सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर विशेष निगाह रखने के निर्देश भी दिये गये हैं। आदेश में पशुपालकों को अपने पशुओं को खुले तौर पर सड़कों पर न छोडऩे की हिदायत भी दी गई है। पशुओं को निर्धारित स्थलों पर ही रखने तथा उनके खान-पान की व्यवस्था पशुपालकों, संबंधित व्यक्तियों अथवा संस्थाओं को ही करने के निर्देश दिये गये हैं।

जिला दंडाधिकारी द्वारा पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जारी किया गया प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से संपूर्ण जिले में लागू हो गया है और आगामी दो माह तक यह प्रभावी रहेगा। आदेश में इसका उल्लंघन पाये जाने पर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तथा अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है।