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Breaking News 50% एक दिन 50% एक दिन बुलाए जायेंगे बच्चे बिना अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे शिवराज ने लिया फैसला देखिए

सोमवार से सरकारी और प्राइवेट स्कूल 50% क्षमता से खुलेंगे। यानी एक बच्चा 6 दिन में से 3 दिन ही स्कूल आएगा।

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ऑनलाइन क्लासेस बंद नहीं होंगी, जिससे पेरेंट्स के पास विकल्प रहे। उनकी इच्छा होगी तो ही बच्चे स्कूल जाएंगे। बिना अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे।


भोपाल
|मध्य प्रदेश में कोरोना को लेकर शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एक बार फिर कल सोमवार से सरकारी और प्राइवेट स्कूल 50% क्षमता से खुलेंगे। यानी एक बच्चा 6 दिन में से 3 दिन ही स्कूल आएगा, ऑनलाइन क्लासेस बंद नहीं होंगी, जिससे पेरेंट्स के पास विकल्प रहे। उनकी इच्छा होगी तो ही बच्चे स्कूल जाएंगे। बिना अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। नए वैरिएंट के चलते प्रदेशभर में अलर्ट किया गया है। मध्यप्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में विशेष नजर रखी जाएगी।

नए वैरिएंट के चलते शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को बड़ी मीटिंग बुलाई। इसके बाद शिवराज सिंह ने फैसला लिया। उन्होंने कहा, देश-विदेश में नए वैरिएंट फैलने की सूचना है। अभी मध्यप्रदेश में नए वैरिएंट को लेकर कोई सूचना नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है। इसलिए आज मीटिंग करके कुछ फैसले लिए हैं। मध्यप्रदेश में नए वैरिएंट को लेकर सरकार ने अलर्ट भी जारी किया है।

स्कूल पर फैसला अब पेरेंट्स के पास 2 विकल्प है।

सरकार ने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को खोलने के संबंध में बड़ा फैसला लेते हुए पेरेंट्स को 2 विकल्प दिए हैं। इसे 29 नवंबर से ही लागू कर दिया जाएगा। स्कूल खुलेंगे जरूर, लेकिन छात्रों की उपस्थिति 50% ही रहेगी। हाल ही में सरकार ने स्कूलों को 100% क्षमता से खोलने का निर्णय लिया था। जिसका पेरेंट्स विरोध कर रहे थे। सरकार के फैसले के अनुसार अब बच्चे सप्ताह में 3 दिन ही पढ़ने जाएंगे। स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेस जारी रखना पड़ेगी। पालकों के पास विकल्प रहे। पेरेंट्स की इच्छा होगी तो ही बच्चे स्कूल जाएंगे। बिना अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे।

कोई यात्री संदिग्ध मिला तो आइसोलेशन में रहेगा

शिवराज सिंह ने मीटिंग में निर्देश दिए कि दूसरे देशों से मध्यप्रदेश में आने वाले यात्री के संबंध में भारत सरकार के सर्विलांस के नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे। एक महीने में जितने भी लोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से यहां आए हैं, उनकी जांच की जायेगी, यदि कोई संदिग्ध मिलता है तो उन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा।

बढ़ेगी कोरोना टेस्टिंग

प्रदेश में अभी 56 हजार के आसपास कोरोना टेस्टिंग की जा रही है। सरकार इसे भी बढ़ा रही है। CM ने कहा कि सैंपलिंग की संख्या बढ़ाएंगे, जिससे कहीं कोई स्थिति बने तो जानकारी का आभाव न रहे। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में 64 हजार टेस्ट रोजाना हो रहे थे। अकेले इंदौर में साढ़े नौ हजार टेस्ट हो रहे थे, अब यह संख्या घटकर 53 सौ के करीब है।

कोरोना के नए वेरिएंट से सिर्फ चिंतित नहीं सावधान भी रहें।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुछ देशों में कोरोना के नए वेरीएंट के आने से उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में सभी लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का सेकेंड डोज लगे और मध्यप्रदेश की उपलब्धि शत प्रतिशत हो जाए, इसके पूरे प्रयास करना हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मास्क का उपयोग अनिवार्य है, सभी नागरिक इसका उपयोग करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें बुलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि किसी स्तर पर सावधानियां न हटे। 


शीघ्र होंगी जिला और ब्लॉक स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि अभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक नहीं होगी लेकिन संक्रमण रोकने के सभी नियमों और सावधानियों का पालन किया जाए। 


मुख्यमंत्री श्री चौहान 1 दिसंबर को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों से चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिला और ब्लॉक स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठकें शीघ्र आयोजित करने के निर्देश दिए। 


मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रमुख निर्देश

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट की विदेशों में फैलने की सूचना है। अभी तक भारत में नए वेरिएंट की उपस्थिति की कोई सूचना नहीं है लेकिन सावधानियां अत्यंत जरूरी है। इसलिए आज ही हमने बैठक करके कुछ फैसले किए हैं। विदेश से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। जो अन्य देशों की उड़ानों से आए हैं, उनका टेस्ट करवाने के साथ ही आवश्यक हुआ तो आइसोलेशन में रखा जायेगा। दूसरे देशों से मध्यप्रदेश में आने वाले यात्रियों के संबंध में भारत सरकार के सर्विलांस में नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। एक महीने में जितने भी लोग अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से यहां आए हैं, आगमन जिनका हुआ है, उनको चैक करना है और अगर कोई संदिग्ध पाया जाता है तो उसे आयसोलेशन में रखना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस संबंध में  निर्देश दिए हैं।


प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के सैम्पलों की भी संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि अगर कहीं इस तरह की कोई स्थिति बने तो जानकारी का अभाव न रहे। जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडाटा होता है. कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। 


जितनी आवश्यक दवाइयां हैं उनकी उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। चाहे वो रेमडेसिविर इंजेक्शन हो, चाहे दूसरी दवाइयां हों। सबकी उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। ऑक्सीजन की लाइनों से लेकर अस्पतालों की बाकी व्यवस्थाएं, ऑक्सीजन प्लांट्स जो हमने लगाए हैं उनको भी चलाकर देखने के हमने निर्देश दिए हैं। क्योंकि कई जगह उसकी जरूरत पड़ ही नहीं रही थी और इसलिए आवश्यक जितनी तैयारी है वो सारी तैयारियां अस्पतालों में, दवाई के स्तर पर सुनिश्चित की जाए। 


प्रतिदिन हो रहे टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जाए। वर्तमान में 58 से 60 हजार टेस्ट हो रहे हैं, उसकी संख्या हम और बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। यह प्रयास है कि प्रतिदिन कम से कम 70 हजार टेस्ट अवश्य हों। भारत सरकार और डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे। दिए गए दिशा निर्देश पर हम कार्यवाहियां करेंगे। 


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत है हमारे 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए। क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं हुआ है और इसलिए हमने तय किया है कि तत्काल प्रभाव मतलब सोमवार से स्कूल खुलेंगे, लेकिन स्कूलों में बच्चों की 50 प्रतिशत होगी। विद्यार्थी 50 प्रतिशत कैपेसिटी में उपस्थित होंगे। स्कूलों में 50 प्रतिशत बच्चे एक दिन आएंगे और 50 प्रतिशत बच्चे दूसरे दिए आएंगे। इस तरह सप्ताह में तीन दिन वे विद्यालय जाएंगे। इसके साथ ही स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेज चालू करनी पड़ेगी ताकि विकल्प पालकों के पास रहे कि अगर वो बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते तो ऑनलाइन पढ़ाई हो जाए। इसलिए विकल्प सामने रहे। पैरेंट्स की अगर इच्छा होगी तभी बच्चे स्कूल जाएंगे। बिना पैरेंट्स की अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं बुलाए जाएंगे। 


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सेकेण्ड डोज टीका लगभग 62.5 प्रतिशत लोगों को लग चुका है। रोज टीके लग रहे हैं, लेकिन एक तारीख को टीकाकरण का विशेष अभियान है महाअभियान। सभी से मैं अपील करता हूँ कि पूरी ताकत के साथ जुटकर जो शेष बचे हैं सेकण्ड डोज के लिए या फर्स्ट के लिए भी कोई शेष बच गया है तो उसका टीकाकरण पूरा हो जाए। 


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 29 तारीख को हो रही कलेक्टर-कमिश्नर्स कॉन्फ्रें स में पूर्व में निर्धारित एजेंडा में भी कोविड की समीक्षा करने का बिंदु शामिल है। नए वेरिएंट को देखते हुए सभी आवश्यक निर्देश कल कलेक्टर्स, एस.पी. आदि को एवं संबंधित सभी अधिकारियों को, जिनमें कमिश्नर्स आईजी भी शामिल हैं उन्हें दिए जाएंगे। प्रदेश पूरी तरह से एलर्ट पर रहेगा। एक तारीख की प्रात: क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों से चर्चा होगी।

 

प्रत्येक स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों को  हम तैयार रखेंगे कि अगर तीसरी लहर आती है तो उससे लड़ने के लिए हम कमर कसकर तैयार रहें। तीसरी लहर की आशंका को निर्मूल करना है। क्योंकि बिना समाज के सहयोग के ये लड़ाई जीतना कठिन होता है। पहले भी हमने समाज के सहयोग से ये लड़ाई हम जीते हैं। 

 

सबसे जरूरी है फेस मास्क लगाना और परस्पर दूरी बनाना। अभी हम कार्यक्रमों पर प्रतिबंध नहीं लगा रहे हैं। हम लोग नजर रखे हुए हैं स्थिति पर। लेकिन ये अपील और आग्रह सभी प्रदेशवासियों से है कि कार्यक्रम में जाएं तो अनिवार्य रूप से मॉस्क लगाएं। यथासंभव दूरी भी बनाए रखें। हाथ पहले की तरह साफ रखें और संक्रमण के जरा भी लक्षण दिखते हैं तो तुरंत टेस्ट करवाएं। अभी स्थिति चिंताजनक नहीं है। प्रमुख रूप से दो शहरों में पॉजीटिव केस आ रहे हैं इंदौर और भोपाल में। इनकी संख्या भी ऐसी नहीं है कि आज हमारे में मन में डर पैदा करें। लेकिन सावधानी जरूरी है। 

 

कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग भी जरूरी है। जो पॉजीटिव पाए गए हैं उनका पूरा ध्यान, उनका आयसोलेशन, अस्पताल जाने की व्यवस्था, हम सब करेंगे। क्योंकि अफ्रीका में, दुनिया के कई देशों में जो नया वेरिएंट और ज्यादा तेजी से फैलता है, ऐसे समाचार आ रहे हैं, इसलिए सावधानी आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं  प्रदेशवासियों से अपील करता हूँ कि बिल्कुल भी असावधान न रहे, संक्रमण फैलने से रोकने के जो आवश्यक नियम हैं, उन सबका पालन करें। सरकार आपके साथ मिलकर कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हमारी कोशिश रहेगी कि तीसरी लहर न आ पाए।