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अनुकंपा नियुक्ति को लेकर आई बड़ी खबर: 10 साल बाद बदले नियम अब विवाहित बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की होगी हकदार

10 साल बाद बदले नियम अब विवाहित बेटी भी अनुकंपा नियुक्ति की होगी हकदार प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश।




मध्यप्रदेश में अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में हुआ बदलाव, अब मृत सरकारी कर्मचारी की विवाहित बेटी के साथ बहू भी नियुक्ति की हकदार होगी। पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता, अविवाहित होने में कोई भेद नहीं किया जाएगा।


MP-भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सरकारी नौकरी में सेवा के दौरान जान गंवाने वाले शासकीय कर्मचारियों के आश्रितों और परिवारजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने की शर्तों में बदलाव किया गया है। अब मृत कर्मचारी की विवाहित बेटी और बहू को भी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति मिल सकेगी। पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता या अविवाहित होने पर कोई भेद नहीं किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में परिवर्तन से संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं।





आदेश के अनुसार अब तक अनुकंपा नियुक्ति में पति या पत्नी की पात्रता नहीं होने या उनके मना करने पर पुत्र या पुत्री दोनों में से किसी को भी पात्रता होगी। इससे पहले तक अविवाहित पुत्री और बहन ही पात्र थी। अब शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर विवाहित पुत्री भी पात्र होगी। ऐसी नियुक्ति पाने वाली पुत्री को यह शपथ पत्र भी देना अनिवार्य है कि वह आश्रित पति या पत्नी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाएगी।


वहीं, अविवाहित शासकीय सेवक की मृत्यु पर माता-पिता की अनुशंसा पर भाई और बहन दोनों पात्र होंगे। पहले सिर्फ अविवाहित बहन ही पात्र थी। वहीं, माता-पिता के जीवित नहीं होने पर छोटे भाई-बहन को आपसी सहमति से नौकरी दी जाएगी। साथ ही सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि पुत्री या बहन के विवाहित, तलाकशुदा, विधवा, परित्यक्ता, अविवाहित होने पर कोई भेद नहीं किया जाएगा। सरकार के आदेश से आश्रित महिलाओं को राहत मिलेगी।


बता दें कि इस तरह के अनुकंपा नियुक्ति के प्रदेश में अभी 550 से ज्यादा मामले अटके हुए हैं।इस मामले में हाईकोर्ट की बड़ी बेंच भी स्पष्ट आदेश दे चुकी है कि लैंगिक आधार पर बेटा और बेटी में शासकीय सेवा में भेदभाव नहीं किया जा सकता। संविधान के अनुच्छेद 14 में समानता का अधिकार तो अनुच्छेद 16 में शासकीय सेवकों के लिए सेवा के अवसरों में समानता के अधिकार दिए गए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के विवाहित पुत्रियों को नौकरी न देने को उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन माना था। इस मामले में राज्य सरकार अवमानना के मामलों का भी सामना कर रही थी।


संशोधन के मुताबिक पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होने पर या मना करने पर पुत्री या पुत्र दोनों में से किसी एक को नौकरी मिल सकेगी। कोई पात्र व्यक्ति नहीं होने पर विधवा पुत्रवधु को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी। अभी विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए मृत शासकीय सेवक के आश्रित पति या पत्नी के पालन पोषण के लिए शपथ पत्र देना पड़ता था, ये शर्त अब हटा ली गई है।


केंद्र सहित 10 राज्य कर चुके थे नियमों में संशोधन


विवाहित पुत्रियों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के मामले में केंद्र और देश के दस राज्य पहले ही फैसला ले चुके हैं। केंद्र में विवाहित पुत्रियों को अनुकंपा नियुक्त मिल रही है। मप्र में यह मामला पिछले 10 सालों से लगातार उठता रहा है, लेकिन हाईकोर्ट में अवमानना के बाद सरकार को यह फैसला लेना पड़ा।