केंद्र ने गुरुवार को कहा कि इसने पिछले पांच महीनों में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को 3.04 करोड़ से अधिक एन 95 मास्क और 1.28 करोड़ से अधिक पीपीई किट मु्फ्त में वितरित किए हैं। इसके साथ ही 'मेक इन इंडिया' के तहत बने 22,000 से अधिक वेंटिलेटर्स भी उपलब्ध कराए गए हैं।
महामारी से लड़ने और प्रभावी ढंग से इसका प्रबंधन करने के लिए केंद्र स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत कर रहा है। कोविड-19 के इलाज के लिए सुविधाओं का प्रसार करने के साथ ही सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके प्रयासों को अंजाम देने के लिए चिकित्सा से संबंधित चीजों की आपूर्ति मुफ्त में कराई जारी रही है।
सरकार ने कहा, "11 मार्च, 2020 से केंद्र सरकार ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को मुफ्त में 3.04 करोड़ से अधिक एन 95 मास्क और 1.28 करोड़ से अधिक पीपीई किट उपलब्ध कराए हैं। साथ ही 10.83 करोड़ से अधिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां भी प्रदान की है। इसके अलावा, 'मेक इन इंडिया' के तहत बने वेंटिलेटर्स भी दिए गए हैं और उन्हें लगाने व चालू करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।"
सरकार ने आगे कहा, "भारत सरकार द्वारा आपूर्ति की जा रही इन चीजों में से अधिकतर का निर्माण पहले देश में नहीं किया जाता था। महामारी के कारण बढ़ती वैश्विक मांग के चलते इनकी उपलब्धता में कठिनाई आने लगी। नतीजे के तौर पर, 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' के संकल्प को मजबूत किया गया और केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति कराए जा रहे इन चीजों में से अधिकतर का निर्माण घरेलू स्तर पर किया जाने लगा।"
सरकार ने कहा, "11 मार्च, 2020 से केंद्र सरकार ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को मुफ्त में 3.04 करोड़ से अधिक एन 95 मास्क और 1.28 करोड़ से अधिक पीपीई किट उपलब्ध कराए हैं। साथ ही 10.83 करोड़ से अधिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां भी प्रदान की है। इसके अलावा, 'मेक इन इंडिया' के तहत बने वेंटिलेटर्स भी दिए गए हैं और उन्हें लगाने व चालू करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।"
सरकार ने आगे कहा, "भारत सरकार द्वारा आपूर्ति की जा रही इन चीजों में से अधिकतर का निर्माण पहले देश में नहीं किया जाता था। महामारी के कारण बढ़ती वैश्विक मांग के चलते इनकी उपलब्धता में कठिनाई आने लगी। नतीजे के तौर पर, 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' के संकल्प को मजबूत किया गया और केंद्र सरकार द्वारा आपूर्ति कराए जा रहे इन चीजों में से अधिकतर का निर्माण घरेलू स्तर पर किया जाने लगा।"