कर्नाटक सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि पिछली रात शहर के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा की जांच जिलाधिकारी से करायी जाएगी। बता दें कि इस घटना में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य लोग घायल हो गए।
गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि सरकार ने हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुआ नुकसान वसूलने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा, "... ऐसी स्थिति के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दिशानिर्देश हैं, उसके अनुसार जिला कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा जांच करायी जाएगी।’’
बोम्मई ने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने पूरी स्थिति और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की।
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मुख्यमंत्री को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिली थी। वह अभी घर में पृथकवास में हैं।
उनके साथ बैठक से पहले बोम्मई ने कहा कि सरकार ने हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति और वाहनों को हुए नुकसान की भरपाई इस घटना में शामिल लोगों से करने का फैसला किया है।
बोम्मई ने कहा, "हमने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार यह निर्णय लिया कि जब इस तरह के दंगे होते हैं और संपत्ति को नुकसान होता है, तो नुकसान की भरपाई उन लोगों से वसूल की जानी चाहिए जिन्होंने नुकसान पहुंचाया है।’’
बोम्मई ने कहा, "मैंने नुकसान पहुंचाने वालों से भरपाई के लिए सभी उपाय शुरू करने के आदेश दिए हैं।"
इससे पहले दिन में बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को पत्र लिखकर उनसे दंगाइयों की संपत्ति जब्त करने और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली करने का अनुरोध किया।
उन्होंने ट्वीट किया कि बेंगलुरु को शांति और सौहार्दपूर्ण समाज के लिए जाना जाता है। हमें हर कीमत पर अपने शहर की इस ताकत की रक्षा करनी चाहिए।