जबलपुर की सीमा क्षेत्र में पटाखों का विक्रय एवं उपयोग पर NGT ने लगाया प्रतिबंध । - Jai Bharat Express

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जबलपुर की सीमा क्षेत्र में पटाखों का विक्रय एवं उपयोग पर NGT ने लगाया प्रतिबंध ।

 जबलपुर : वायु प्रदूषण की अत्यंत खराब स्थिति और कोरोना वायरस की महामारी को दृष्टिगत रखते हुये नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश के अनुसार जबलपुर नगर निगम एवं छावनी परिषद जबलपुर की सीमा क्षेत्र में पटाखों का विक्रय एवं उपयोग पर लगा प्रतिबंध । जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर Karmveer Sharma ने जारी किया आदेश ।


जबलपुर शहर में पटाखों का विक्रय और उपयोग प्रतिबंधित

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रिसिंपल बैंच नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश और राज्य शासन के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार जबलपुर शहर में पटाखों के विक्रय और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर श्री IAS Karmveer Sharma द्वारा इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है तथा 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक लागू रहेगा।  पटाखों के विक्रय और उपयोग पर लगाया गया यह प्रतिबंध सम्पूर्ण नगर निगम सीमा क्षेत्र के साथ-साथ छावनी परिषद जबलपुर के क्षेत्रांतर्गत भी लागू होगा। 
जिला दंडाधिकारी द्वारा पटाखों के विक्रय और उपयोग पर यह प्रतिबंध नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा प्रकरण क्रमांक 249/2020 में पारित आदेश के पालन में लगाया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश में उन शहरों में पटाखों के विक्रय और उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिये गये हैं जहां पिछले वर्ष नवंबर माह में वायु प्रदूषण की स्थिति खराब थी। 
जबलपुर उन शहरों में शामिल है जहां पिछले वर्ष नवंबर माह में एयर क्वालिटी इंडेक्स का औसत 213 था जो वायु प्रदूषण की खराब स्थिति की श्रेणी में है। इस वर्ष जबलपुर में वायु प्रदूषण की स्थिति और खराब हुई है एक से दस नवंबर का एयर क्वालिटी इंडेक्स का औसत 249 पहुंच गया है। वायु प्रदूषण की इस अत्यंत खराब स्थिति एवं वर्तमान में कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेशानुसार जबलपुर शहर में पटाखों के विक्रय और उपयोग पर लगाये इस प्रतिबंध की अवधि में नगर निगम सीमा एवं केंट बोर्ड जबलपुर क्षेत्रांतर्गत समस्त प्रकार के पटाखा विक्रय हेतु स्वीकृत स्थाई एवं अस्थाई अनुज्ञप्तियां निलंबित रहेंगी।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध वायु प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण अधिनियम तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।