जम्मू: देश में पहली बार एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमला! हाई अलर्ट पर एयरबेस - Jai Bharat Express

Jai Bharat Express

Jaibharatexpress.com@gmail.com

Breaking

जम्मू: देश में पहली बार एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन से हमला! हाई अलर्ट पर एयरबेस



जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर देर रात दो धमाके हुए. पहला धमाका रात 1:37 बजे हुआ और दूसरा ठीक 5 मिनट बाद 1:42 बजे हुआ. वायुसेना का कहना है कि दोनों ही धमाकों की इंटेसिटी बहुत कम थी और पहला धमाका छत पर हुआ, इसलिए छत को नुकसान पहुंचा है, लेकिन दूसरा धमाका खुली जगह पर हुआ. धमाके में दो जवानों को भी मामूली चोटें आई हैं.

ये धमाका कैसे हुआ और किसने किया? इसकी जांच की जा रही है, लेकिन अब तस्वीर इस धमाके को एक आतंकी हमले की साजिश की ओर धकेल रही है. एयरफोर्स स्टेशन पर एनआईए और एनएसजी की टीम पहुंच चुकी है और इस धमाके की जांच टेरर एंगल से भी कर रही है. इसके बाद अम्बाला, पठानकोट और अवंतिपुरा एयरबेस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.

इस धमाके को ड्रोन अटैक माना जा रहा है. शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि ड्रोन अटैक के जरिए यहां खड़े एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर को टारगेट करने की कोशिश थी. अगर ये धमाका ड्रोन हमला साबित हो जाता है तो ये देश के सैन्य ठिकाने पर हुआ देश का पहला ड्रोन अटैक होगा.

वायुसेना की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन अभी तक हुई जांच में ड्रोन हमले का शक जताया गया है. इसकी एक वजह ये भी है कि ये धमाके टेक्नीकल एरिया के पास हुए हैं, जो साफ दिखाता है कि टारगेट एयरक्राफ्ट थे. इसके अलावा सूत्रों का ये भी कहना है कि वायुसेना की पेट्रोलिंग टीम ने हथियारों को गिरते देखा था. अगर जांच में इस धमाके के पीछे ड्रोन हमले के सबूत मिल जाते हैं, तो ये देश के किसी सैन्य ठिकाने पर हुआ पहला ड्रोन हमला होगा. इससे पहले आजतक किसी भी सैन्य ठिकाने पर ड्रोन अटैक नहीं हुआ है.

असेसमेंट रिपोर्ट कहती है, "एक मंजिला इमारत की छत पर एक गड्ढा हो गया है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि ये विस्फोट ड्रोन अटैक के कारण हुआ और इसका संभावित टारगेट हेलीकॉप्टर था जो पार्किंग एरिया में खड़े थे." वायुसेना ने ये भी कहा कि धमाकों में किसी भी इक्विपमेंट या एयरक्राफ्ट को नुकसान नहीं पहुंचा है. सूत्रों का कहना है कि भले ही धमाकों में ज्यादा नुकसान न हुआ हो, लेकिन ड्रोन अटैक की आशंका से एयरफोर्स स्टेशन जैसे सेंसेटिव इलाकों की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है.



ड्रोन हमले की आशंका को एक और जानकारी हवा देती है और वो ये कि पिछले साल ही पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने चीन से कुछ ड्रोन्स खरीदे थे. ये ड्रोन 20 किलो तक का पेलोड उठाने और 25 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम थे. इनकी खास बात ये भी थी कि इनसे एक टारगेट तय कर उस पर IED गिराया जा सकता था.

ड्रोन का बखूबी गलत इस्तेमाल कर रहा है पाकिस्तान!
पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान और वहां की जमीन से चलने वाले आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए भारत में हथियार, असलहा-बारूद गिराने का काम कर रहे हैं. अब तक कई बार भारतीय सुरक्षाबल और एजेंसियां पाकिस्तान के इस मंसूबों को नाकाम कर चुकी है. ये चलन जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद और ज्यादा बढ़ गया है.

13 अगस्त 2019 को पंजाब पुलिस ने अमृतसर के अटारी के नजदीक भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एक हेक्साकॉप्टर ड्रोन बरामद किया था. ये ड्रोन चीनी कंपनी का बनाया हुआ था. इसके बाद 22 सितंबर 2019 को गिरफ्तार एक आतंकी ने बताया था कि पाकिस्तान से 9 से 16 सितंबर के बीच 8 ड्रोन के जरिए भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भारत भेजे गए हैं. 20 जून 2020 में बीएसएफ ने जम्मू-कश्मीर में कठुआ के पास हीरानगर सेक्टर में एक ड्रोन को मार गिराया था.

19 सितंबर 2020 को ड्रोन के जरिए हथियार मंगाने वाले लश्कर के तीन आतंकियों को जम्मू से गिरफ्तार किया था. तीन दिन बाद ही 22 सितंबर 2020 को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अखनूर सेक्टर में ड्रोन से हथियार डिलीवर करने वाले ड्रोन को बरामद किया था.