महिला आरक्षक की डेंगू से इलाज के दौरान हुई अकाल मृत्यु - Jai Bharat Express

Jai Bharat Express

Jaibharatexpress.com@gmail.com

Breaking

महिला आरक्षक की डेंगू से इलाज के दौरान हुई अकाल मृत्यु



महिला आरक्षक श्रीमति उषा तिवारी की डेंगू से इलाज के दौरान हुई अकाल मृत्यु। 


पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा ने घर पर पहुंचकर परिजनों को दी सांतवना, कहा इस दुख की घड़ी में पूरा पुलिस परिवार आपके साथ है।



जबलपुर |पुलिस लाईन जबलपुर में पदस्थ महिला आरक्षक श्रीमति उषा तिवारी उम्र 53 वर्ष त्रिमूर्ति नगर गोहलपुर में रहती थी,वह आलम्बन शाखा में कार्यरत थी। स्वास्थ खराब होने के कारण दिनॉक 9-9-21 को डाक्टर को चैक कराया था,  एवं दवाईयॉ ली थी, दिनॉक 10-9-21 को डाक्टर की सलाह पर टेस्ट कराये थे। रिपेार्ट में डेंगू पॉजिटिव एवं प्लेटलेट्स 1 लाख 20 हजार थी, जो घर पर ही रहकर दवाईयॉ ले रही थी, दिनॉक 11-9-21 को दोपहर में स्वास्थ ज्यादा खराब होने पर उपचार हेतु आशीष अस्पताल में भर्ती हुई थी,  जिनकी दौरान उपचार के आज देर रात मृत्यु हो गयी है। 




 

सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक जबलपुर  सिद्धार्थ बहुगुणा त्रिमूर्तिनगर स्थित घर पहुंचे, शोकाकुल परिवार को सांतवना देते हुये कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा पुलिस परिवार आपके साथ है तथा आपने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं के लिये आदेशित किया एवं तत्काल परोपकार निधि राशि 1 लाख रूपये प्रदान करने हेतु रक्षित निरीक्षक सौरभ तिवारी को निर्देशित किया।

जिले में डेंगू और वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। सरकारी अस्पताल के साथ निजी अस्पतालों में भी वायरल के मरीज आ रहे हैं। मौसम के प्रभाव के चलते डेंगू के मामलों में भी इजाफा हो रहा है।


संवेदनशील है मौसम

यह मौसम डेंगू तथा मलेरिया के लिहाज से संवदेनशील है। इन दिनों वायरल बुखार के भी मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मौसम में जागरूक रहने की जरूरत है। सामान्य बुखार होने पर दवा लेने के साथ आराम करें। सरकारी अस्पताल में हर बुखार के मरीज की रक्त की जांच कराई जा रही है, जिससे बीमारी की वास्तविक स्थिति का पता चल सके।



अपनी मर्जी से न लें दवा


कोई भी मरीज अपनी मर्जी से दवा न लें। बुखार होने पर सही तरीके से जांच कराएं। चिकित्सक की सलाह से दवा लें। कई बार सामान्य बुखार, मलेरिया तथा टाइफाइड में भी प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है। इसे लेकर घबराएं नहीं, बल्कि इलाज को गंभीरता से लें।