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संस्कारधानी अस्पताल ने शव को बनाया बंधक फिर क्या हुआ पढ़िए यह खबर


माढ़ोताल स्थित संस्कारधानी अस्पताल प्रबंधन पर शव को बंधक बनाने का लगा आरोप सतना निवासी छोटेलाल चौधरी की इलाज की दौरान हुई मौत परिजन लगा रहे आरोप।👇 देखें
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केयर बाय कलेक्टर निजी अस्पताल द्वारा बंधक बनाये गये शव को दिलाया परिजनों को 

जबलपुर |कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा शुरू किये गये केयर बाय कलेक्टर व्हाट्सअप नम्बर 75879 70500 पर मिले एक संदेश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तत्काल कार्यवाही कर माढोताल स्थित निजी अस्पताल द्वारा बंधक बनाये गये सतना निवासी एक मरीज के शव को परिजनों को दिलाया, साथ ही अस्पताल की बकाया राशि भी माफ कराकर उन्हें राहत प्रदान की है। 

 जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों पर निगरानी रखने नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. विभोर हजारी के अनुसार सतना निवासी पचास वर्षीय छोटेलाल चौधरी को उपचार के लिये उसके परिजनों द्वारा जबलपुर लाकर माढ़ोताल स्थित संस्कारधानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज रविवार की सुबह उपचार के दौरान कार्डियक अरेस्ट से इस मरीज की मृत्यु हो गई थी। 

 डॉ. हजारी के अनुसार अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज के परिजनों को शव सौंपने से यह कहते हुये इंकार कर दिया गया कि बकाया राशि जमा करने तक उन्हे इसे नहीं सौंपा जायेगा। परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधक से काफी मिन्नतें की और खराब आर्थिक स्थिति का हवाला भी दिया गया। लेकिन अस्पताल प्रबंधक ने अमानवीय रवैया अपनाते हुये शव सौंपने से इंकार कर दिया। 

 डॉ. हजारी के मुताबिक अस्पताल प्रबंधक द्वारा शव जबरन कब्जे में रखने की शिकायत मरीज के परिजनों द्वारा केयर बाय कलेक्टर व्हाट्सअप नम्बर पर की गई। संदेश पर नजर पड़ते ही कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने फौरन सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया को इस मामले का निराकरण करने तथा परिजनों को तत्काल मरीज का शव दिलाने के निर्देश दिये। डॉ. हजारी के अनुसार सीएमएचओ के निर्देश पर उन्होंने संस्कारधानी अस्पताल के प्रबंधन से बात की और कार्यवाही की चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रबंधन पर इसका तुरंत असर हुआ और मरीज के शव को परिजनों को सौंप दिया गया। डॉ. हजारी ने बताया कि मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक द्वारा ईलाज के नाम पर मनमानी राशि वसूल करने की शिकायत भी की थी। मरीज की मृत्यु के बाद भी अस्पताल द्वारा 68 हजार रूपये का बिल परिजनों को थमा दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन से इस पूरी राशि को भी माफ कराया गया और शव को सतना के लिये रवाना कराया गया।