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हर दिन लगते हैं 50 से 70 लाख दांव पर CM के विधानसभा क्षेत्र में चलता है एमपी का सबसे बड़ा जुआं

हर दिन लगते हैं 50 से 70 लाख रुपए दांव पर।


CM के विधानसभा क्षेत्र में चलता है MP का सबसे बड़ा जुआं।

बुधनी|आपने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में अवैध उत्खनन की खबरें पढ़ी और सुनी होंगी, आपने बुधनी विधानसभा में भ्रष्टाचार, जंगलों की कटाई,सरकारी और आदिवासीयों की जमीनों पर कब्जे के साथ-साथ महिलाओं के साथ मारपीट और अमानवीय व्यवहार की खबरें भी सुनी और पढ़ी होंगी, लेकिन मैं, आज आपको एक ऐसी खबर बता रहा हूं। जिसे पढ़कर आपके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहेगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि बुधनी विधानसभा में ही मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जुआ घर है। यहां प्रतिदिन 50 से 70 लाख रुपए जुएं में दांव पर लगाते हैं।  ये जुएं का अड्डा आज या कल से चालू नहीं हुआ है बल्कि वर्षों से यहां जुआं खिलाया जा रहा है और प्रदेश के अलग-अलग जिलों से जुआरी यहां दांव लगाने आते हैं‌। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पैतृक गांव जैत से चार-पांच किलोमीटर की दूरी पर है नादनेर गांव यह गांव नर्मदा नदी के तट पर बसा है। यहां वर्षों से हर दिन रात 11:00 बजे से सुबह 9:00 बजे तक जुएं का फड जमता है। बाकायदा टेंट और उन टेंटों में हैलोजन लगाकर जुआं खिलाया जाता है।हमने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो हमारे भी आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। हर रात 11:00 बजे टेंट लग जाते हैं लाइट की व्यवस्था हो जाती है यह क्रम बेरोक हर रात चलता है। प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से जुआं खेलने लोग कारों से आते हैं,इतना ही नहीं जुआरियों को लाने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था की भी व्यवस्था है। इस जुएं के अड्डे पर शराब की व्यवस्था है, भोजन की व्यवस्था है, जुआरियों को घर तक छुड़वाने की व्यवस्था है, यानी पूरा करोबार एक लीगल बिजनेस की तरह व्यवस्थित चलता है। नर्मदा नदी के तट पर होने के कारण नदी के उस पार होशंगाबाद जिला लगता है और इस पार सीहोर जिला यानी मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र। बाकायदा नर्मदा नदी में एक बड़ी नाव खड़ी की जाती है अगर पुलिस आए तो नाव में बैठकर लोग नदी के उस पार चले जाएं यानी होशंगाबाद जिले में। इसके अलावा जुआं खिलाने वालों के दर्जन भर मुखबिर रात से सुबह तक गांव के मुख्य मार्गों और छतों पर खड़े होकर पुलिस की निगरानी करते हैं।

 कोई भी संदिग्ध  वाहन या गतिविधियों को यह लोग बहुत बारीकी से देखते हैं। कई किलोमीटर दूर से जुआरियों के मुखबिर पुलिस पर नजर रखते हैं यही कारण है कि आज तक यह जुएं का अड्डा पकड़ में नहीं आया। इस मामले में हमारे सूत्र बताते हैं कि कई जगह इस जुएं का पैसा प्रतिदिन पहुंचता है। पूरी रात हैलोजन के उजाले में टेंट में जहां गद्दा, रजाई, भोजन और शराब की व्यवस्था रहती है। सुबह 9:00 बजे तक जुआं चलता है। इस जुआ घर के वीडियो जब हमारे पास आए तो हम भी हैरान रह गए।  इतनी बड़ी तादाद में जुआं वो भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह गांव से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर खेला जाता है। इस जुआ फड़ के तीन संचालक हैं।  एक व्यक्ति इटारसी से है जबकि दो व्यक्ति लोकल हैं जो वर्षों से इस अवैध कारोबार को संचालित कर रहे हैं।

इस पूरे मामले में गंभीर बात यह है कि जुआ खेलने के दौरान कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें लोगों की जान जा चुकी हैं, कई लोगों ने इस जुएं के कारण आत्महत्या कर ली है  गोलीबारी भी हो चुकी है। इस जुएं के फड पर सूदखोर भी बैठते हैं, जो लोगों को मनमाने ब्याज जुआं खेलने या हारने के बाद पैसा देते हैं और मौके पर ही उनकी जमीन या प्रॉपर्टी को गिरवी रख लेते हैं। इस तरह यह काला कारोबार प्रदेश के मुखिया के विधानसभा क्षेत्र में नहीं बल्कि उनके गृह गांव के नजदीक ही चलता है। बगैर राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के यह काम मुमकिन ही नहीं है।

नर्मदा के घाटों से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, जंगलों से कटाई हो रही है, सरकारी जमीनों पर कब्जा हो रहे हैं, ग्रामीणों को पीड़ित किया जा रहा है, इसके अलावा अवैध और जहरीली शराब का कारोबार जमकर चल रहा है, लेकिन सरकार को इन अवैध गतिविधियों से कोई मतलब नहीं।