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शासन ने घाट पिपरिया की ग्यारह एकड भूमि को पुन: तालाब मद में दर्ज कर भूमि के क्रय-विक्रय पर लगाई रोक

वर्ष 1940 के तालाब को भू-माफिया से बचाकर फिर से तालाब में दर्ज की गई और भूमि के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई है।




तालाब के अस्तित्व को मिटाते हुए पूरी भूमि का समतलीकरण कर प्लाटिंग की तैयारी में था,जितेन्द्र जैन 



यह भूमि पूर्व में तालाब के रूप में उपयोग आती थी। इस भूमि पर बिल्डरों द्वारा समतलीकरण कर प्लाटिंग की तैयारी की जा रही थी। इस भूमि की अनुमानित कीमत करीब 5 करोड़ रूपये है।


जबलपुर |जबलपुर घाट पिपरिया की ग्यारह एकड भूमि को शासन ने पुन: तालाब मद में दर्ज कर भूमि के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी है, जितेन्द्र जैन ने तालाब के अस्तित्व को मिटाते हुए पूरी भूमि का समतलीकरण कर दिया और प्लाटिंग की तैयारी कर रहा था। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के मार्गदर्शन में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, जबलपुर पी.के सेन गुप्ता ने ग्राम घाट पिपरिया की लगभग ग्यारह एकड भूमि को पुन: तालाब मद में दर्ज कर भूमि के क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी हैं। यह भूमि पूर्व में तालाब के रूप में उपयोग आती थी। इस भूमि पर बिल्डरों द्वारा समतलीकरण कर प्लाटिंग की तैयारी की जा रही थी। इस भूमि की अनुमानित कीमत करीब 5 करोड़ रूपये है।


अनुविभागीय राजस्व अधिकारी जबलपुर पी.के. सेनगुप्ता के अनुसार ग्राम घाटपिपरिया पटवारी हल्का नंबर 39 राजस्व निरीक्षक मंडल बरगी स्थित भूमि खसरा नंबर 348 रकबा 3.74 हे.(म.प्र शासन) तथा खसरा नंबर 350 रकबा (जितेन्द्र जैन पिता गुलाब जैन  निवासी पुरवा) को ग्राम वासियों द्वारा तालाब में नहाने, जानवरों के निस्तार, मछली पालन, सिंघाड़ा फसल के रूप में उपयोग में लाया जाता था। इस भूमि को जितेन्द्र जैन ने तालाब के अस्तित्व को मिटाते हुए पूरी भूमि का समतलीकरण कर दिया और प्लाटिंग की तैयारी कर रहा था। 


श्री सेन गुप्ता ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आने पर नायाब तलसीलदार से परीक्षण कराया गया। नायब तलसीलदार बरगी ने उसे 1940 का प्रचलित तालाब बताया है तथा तालाब का जीर्णोद्धार एवं रोजगार गारंटी के तहत पंचायत के द्वारा गहरीकरण का कार्य कराया जाना बताया गया है। 


अनुविभागीय राजस्व अधिकारी जबलपुर ने बताया कि मद्रास उच्च न्यायालय (के.के.रमेश विरूद्ध तमिलनाडू राज्य 2019) एवं गुजरात उच्च न्यायालय के डब्ल्यू पी (पीआईएल) 253/15 दिनांक 25.11.19 तथा द वाटर (प्रीवेंशन ऑफ कंट्रोल ऑफ पौल्यूशन एक्ट 1974 के प्रावधानों के तहत समस्त भूम खसरा नंबर 350 रकबा 0.61 एवं खसरा नंबर 348 रकबा 3.76 हेक्टेयर, कुल भूमि ग्यारह एकड़ को तालाब में दर्ज करते हुए उसके क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी है।