सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा की गई ताजा सिफारिशें देश की न्याय प्रणाली में अनुभव, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और संतुलन के समन्वय का स्पष्ट उदाहरण हैं। राजस्थान मूल के गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विजय विश्नोई की शीर्ष अदालत में पदोन्नति का निर्णय उनके वर्षों की निष्ठा, पारदर्शिता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि है।
जस्टिस विश्नोई का सफर—1989 में वकालत की शुरुआत से लेकर गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने तक—भारत की न्यायिक संरचना में एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे जमीनी स्तर से आए न्यायाधीश भी सर्वोच्च मंच तक पहुंच सकते हैं।
कॉलेजियम की यह बैठक इसलिए भी खास रही क्योंकि यह चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता में पहली बार हुई और इसमें जस्टिस बीवी नागरत्ना की भागीदारी भी ऐतिहासिक मानी जा रही है।
न्यायपालिका में संतुलित, संवेदनशील और निष्पक्ष दृष्टिकोण को और मजबूत करने की दिशा में यह सिफारिशें निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव का संकेत देती हैं।