विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक में एक स्पष्ट और कूटनीतिक सन्देश दिया—यदि पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन करता है या आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, तो भारत बिना किसी झिझक के सैन्य प्रतिक्रिया देगा।
जयशंकर ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी। यह बयान भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और आंतरिक सुरक्षा नीति की पारदर्शिता को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के आधे घंटे बाद पाकिस्तान को सूचित कर दिया गया था, लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तानी हस्तक्षेप की कोशिश की गई।
बैठक में कांग्रेस, सपा, डीएमके जैसे विभिन्न दलों के नेताओं की उपस्थिति से यह संकेत मिलता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर एक व्यापक राजनीतिक सहमति बन रही है।