नई दिल्ली: भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को चीन, ताइवान और रूस से सस्ते उत्पादों की चुनौती से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज़ (DGTR) की सिफारिश के बाद इन तीन देशों से आने वाले एल्युमिनियम फॉयल, प्रेटिलाक्लोर और एसीटोनाइट्राइल पर पांच साल तक एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई गई है।
चीन से आने वाला एल्युमिनियम फॉयल, जो खासकर पैकेजिंग और होम किचन सेक्टर में इस्तेमाल होता है, इसकी कीमतों ने घरेलू उत्पादकों के लिए प्रतिस्पर्धा कठिन कर दी थी। इसी तरह, धान की खेती में उपयोग होने वाली खरपतवार नाशक दवा प्रेटिलाक्लोर पर भी टैक्स लगाया गया है।
एसीटोनाइट्राइल, जो दवाओं और कीटनाशकों के निर्माण में एक अहम सॉल्वेंट है, पर चीन, ताइवान और रूस से आने वाले आयात को अब अधिक महंगा होना पड़ेगा। सरकार का उद्देश्य साफ है: लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना, व्यापार घाटा कम करना और 'मेक इन इंडिया' को मजबूती देना।