लंदन। साइंस फिक्शन अब रियलिटी बन चुकी है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने एक ऐसा अद्भुत प्रयोग कर दिखाया है, जिससे अब सूर्यग्रहण 'मर्जी से' बन सकेगा। 'प्रोबा-3' नामक इस मिशन में दो उपग्रह एक सटीक दूरी पर उड़ रहे हैं—एक सूर्य को ब्लॉक करता है और दूसरा उससे निकलने वाली रोशनी और कोरोना की जांच करता है।
ये सैटेलाइट मार्च 2025 तक नियमित रूप से सूर्यग्रहण की स्थिति बनाएंगे और वैज्ञानिकों को पहले से कहीं ज्यादा डेटा और समय मिलेगा। अब तक 10 सफल 'आर्टिफिशियल सोलर इकलिप्स' किए जा चुके हैं।
इस हाई-टेक मिशन की लागत लगभग 21 करोड़ डॉलर है, और अनुमान है कि यह मिशन करीब 200 बार ऐसा आर्टिफिशियल ग्रहण बना पाएगा। यह कदम भविष्य में स्पेस वेदर और सौर विकिरण पर नियंत्रण व अध्ययन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।