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Hathras Case: हाथरस पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट में 'रेप की संभावना' खारिज, 11 दिन बाद जांच के लिए भेजे गए थे सैंपल



 Hathras News: उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप और हत्या से पूरे देश में आक्रोश है. इसे लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है. अब फॉरेंसिक रिपोर्ट (Forensic Report) में रेप की संभावना खारिज कर दी गई है. आगरा की फॉरेंसिक रिपोर्ट (Hathras Forensic Report) में कहा गया है कि पीड़िता के साथ रेप के सबूत नहीं मिले हैं. इसमें कहा गया कि पीड़िता के वैजाइनल में स्पर्म नहीं मिले. 

बता दें कि 22 सितंबर को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में पीड़ित के बयान के बाद उसकी जांच की गई थी. जांच में यौन हिंसा की बात नहीं कही गई थी. हालांकि यह कहा गया था कि इस बात के संकेत मिले हैं कि पीड़ित के साथ जबरदस्ती हुई है. आगे की जांच के लिए आगरा की फॉरेंसिक लैब में वैजाइनल स्वाब भेजे गए जो 25 सितंबर को आगरा की लैब में पहुंचे.

इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस (जो खुद जांच के दायरे में है) ने दावा किया था कि पीड़ित की विसरा की फॉरेंसिक रिपोर्ट ने साबित कर दिया था कि उसके साथ बलात्कार या गैंगरेप नहीं हुआ. एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा था कि FSL रिपोर्ट में बताया गया है कि नमूनों में स्पर्म नहीं थे. यह स्पष्ट करता है कि कोई रेप या गैंगरेप नहीं हुआ था. इसके अलावा ADG ने यह भी दावा किया था कि युवती ने पुलिस को दिए अपने बयान में ‘बलात्कार का उल्लेख नहीं किया है लेकिन केवल पिटाई के बारे में बात की थी.’

रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि वारदात के 11 दिन बाद सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए आगरा भेजे गए थे. हालांकि जानकार की मानें तो इतने दिन बाद वैजाइनल सैंपल की जांच करने पर कोई नतीजा नहीं आ सकता, क्योंकि देरी से स्पर्म खत्म हो जाते हैं. वारदात के 48 घंटे में सैंपल लिए जाएं तो कोई नतीजा निकल सकता है.

फोरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के नमूने 22 सितंबर को अलीगढ़ के एक अस्पताल में एकत्र किए गए थे और तीन दिन बाद 25 सितंबर को आगरा की फॉरेंसिक लैब में भेजे गए थे.

उधर, उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित महिला से कथित गैंगरेप को लेकर गरमाई राजनीति के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वर्तमान में उनकी सरकार की अपराधों के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेन्स’ की नीति है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि वह बालिकाओं/महिलाओं से जुड़े मामलों में पूरी संवेदनशीलता और तत्परता बरते. उन्होंने कहा है कि अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित मामलों में यूपी पुलिस गंभीरता और शीघ्रता के साथ कार्यवाही करे.