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'रिया चक्रवर्ती का नहीं है कोई आपराधिक रिकॉर्ड': HC ने जमानत देते हुए कहीं ये 5 बातें

 अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में ड्रग्स केस के आरोपों में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बंबई हाईकोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी और निजी मुचलके के तौर पर एक लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ ने राजपूत के सहयोगी दीपक सावंत और सैमुअल मिरांडा को भी जमानत दे दी, लेकिन रिया के भाई एवं मामले में आरोपी शौविक की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कथित मादक पदार्थ तस्कर अब्देल बासित परिहार की याचिका भी खारिज कर दी। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित ड्रग्स केस की जांच के सिलसिले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने रिया और उनके भाई को पिछले महीने गिरफ्तार किया था।


रिया चक्रवर्ती को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने ये कहा:


1. बॉम्बे HC ने कहा कि यह नहीं लगता है कि मशहूर हस्तियों और रोल मॉडल के साथ कठोर व्यवहार किया जाना चाहिए ताकि यह युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण स्थापित हो। 


2. 'मैं सहमत नहीं हूं। कानून के समक्ष हर कोई समान है। कोई भी सेलिब्रिटी या रोल मॉडल को अदालत से किसी प्रकार की कोई राहत नहीं दी जाती है। इसी तरह, ऐसे व्यक्ति भी अदालतों में कानून का सामना करने पर कोई विशेष दायित्व नहीं निभाते हैं। हर मामले में आरोपियों की स्थिति उस केस में पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर तय होती है। 


3. वह (रिया) ड्रग डीलरों का हिस्सा नहीं है। कथित तौर पर मौद्रिक या अन्य लाभ पाने के लिए उसके द्वारा कथित रूप से खरीदी गई ड्रग्स को आगे नहीं बढ़ाया गया है। 


4. हाईकोर्ट ने कहा कि चूंकि रिया के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है, इसलिए यह मानने के उचित आधार हैं कि वह जमानत पर रहते हुए किसी अन्य अपराध करने की संभावना नहीं है।


5. हाईकोर्ट ने कहा कि यह विश्वास करने के लिए उचित आधार हैं कि वह धारा 19, 24 या 27 ए (एनडीपीएस अधिनियम) या किसी अन्य अपराध के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी नहीं है।


हाईकोर्ट ने रिया चक्रवर्ती को जमानत देते हुए उनसे एनसीबी को अपना पासपोर्ट सौंपने और विशेष एनडीपीएस अदालत की अनुमति के बिना देश के बाहर ना जाने का निर्देश दिया है। पीठ ने उनसे एनसीबी की आज्ञा के बिना मुम्बई से बाहर ना जाने और जमानत पर बाहर रहने के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करने को भी कहा।



अदालत ने रिया से निजी मुचलके के तौर पर एक लाख रुपये जमा कराने और रिहाई के बाद शुरुआती 10 दिन निकटतम पुलिस थाने में पेश होने का निर्देश भी दिया। अदालत ने कहा कि रिया के अलावा जिन लोगों को जमानत दी गई है, उन्हें भी मुम्बई से बाहर जाने के लिए एनसीबी के जांच अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी।


एनडीपीएस की विशेष अदालत के जमानत याचिकाएं खारिज करने के बाद रिया और उनके भाई ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने अपने फैसले पर स्थगन लगाने का एनसीबी का अनुरोध स्वीकार करने से इनकार कर दिया, ताकि एजेंसी आदेश को चुनौती दे सके। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही जमानत के लिए बड़ी सख्त शर्तें रखी हैं। रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि वह फैसले से खुश हैं।


उन्होंने कहा कि सत्य और न्याय की जीत हुई है और अंततः तथ्यों और कानूनी प्रस्तुतियों को न्यायमूर्ति सारंग वी कोतवाल द्वारा स्वीकार किया गया। गौरतलब है कि राजपूत (34) इस साल 14 जून को बांद्रा स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे। बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह मामले पर सुनवाई के बाद याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख दिया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह के जरिए एनसीबी ने अदालत में जमानत याचिकाओं को विरोध किया था।