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प्रतिदिन सुबह 11 बजे एवं शाम 7 बजे शहरी क्षेत्रों में 2 मिनट के लिये सायरन बजाया जायेगा

 


जन-जागरूकता के लिये हफ्ते भर रोज बजेगा सायरन

कोरोना संक्रमण की रोकथाम संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी 


जबलपुर | कोरोना संकट के प्रति आमजन को संवेदनशील बनाने और जागरूक करने के लिये आगामी एक सप्ताह तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे एवं सायंकाल 7 बजे शहरी क्षेत्रों में 2 मिनट के लिये सायरन बजाया जायेगा। अपर मुख्य सचिव, गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि कोविड की संख्या में विगत दिनों में हो रही बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए 13, 16 और 19 मार्च के आदेश को यथावत प्रभावशील रखते हुए शासन ने आवश्यक अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किये हैं। जिन जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या प्रतिदिन औसत 20 से ज्यादा होने पर सभी त्यौहारों के कार्यक्रमों में भाग लेने वालों की संख्या को सीमित रखा जायेगा।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि साप्ताहिक पॉजिटिव केसों की संख्या प्रतिदिन औसत 20 से ज्यादा होने पर सभी सामाजिक तथा धार्मिक त्यौहारों में जुलूस, गेर, मेले इत्यादि आयोजित नहीं होंगे। विवाह और अंतिम संस्कार जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में भी लोगों की संख्या को सीमित किया जायेगा। जिला कलेक्टर जहाँ उपयुक्त समझेंगे, वहाँ जन-सुनवाई के कार्यक्रम आगामी 30 अप्रैल, 2021 तक स्थगित कर सकेंगे। जिन जिलों में प्रतिदिन औसत पॉजिटिव केसेस की संख्या 20 से कम है, उन जिलों में क्रॉयसिस मैनेजमेंट कमेटी प्रतिबंध लगाने के संबंध में अपने स्तर पर निर्णय ले सकेगी।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि कोविड संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए इस वर्ष अशोकनगर में करीला माता मेला का आयोजन नहीं होगा। महाराष्ट्र राज्य की सीमा पर वस्तुओं तथा सेवाओं के परिवहन को छोड़कर यात्रियों के आवागमन का नियमन आवश्यक रूप से किया जायेगा। महाराष्ट्र राज्य से आने-जाने वाली बसों के परिवहन बंद करने के आदेश का प्रभावी पालन सुनिश्चित कराया जायेगा।

गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि 23 मार्च को 11 बजे सायरन बजने के साथ ही जिला प्रशासन जन-प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों आदि के सहयोग से शहरों में पूर्व से चलाये जा रहे रोको-टोको अभियान अंतर्गत मास्क का नियमित एवं निरंतर उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, हेण्ड-वाशिंग, सेनेटाइजिंग करने के लिये लोगों को सेन्सटाइज करने वाली गतिविधियों को संचालित करेंगे। रोको-टोको कार्यक्रम में जन-प्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों, धार्मिक गुरुओं, मीडिया, एनसीसी, एनएसएस, स्वयंसेवी संगठनों और स्व-सहायता समूहों को भी जोड़ा जायेगा। डॉ. राजौरा ने बताया है कि निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।