कोरोना काल में ये कैसी आफत आई है स्वेक्षा से न दान करने पर स्तीफे की नौबत आई है। - Jai Bharat Express

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कोरोना काल में ये कैसी आफत आई है स्वेक्षा से न दान करने पर स्तीफे की नौबत आई है।


कर्ज में डूबे जवान ने वेतन दान करने से किया मना तो SP ने कर दिया नक्सल क्षेत्र में तबादला

मुख्यमंत्री राहत कोष में स्वेच्छा से योगदान के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों के चालू माह अप्रैल के वेतन से एक दिन की राशि कटौती के संबंध में वित्त विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

पीड़ित जवान पर 12 लाख रुपए का होम लोन है महीने के अंतिम दिनों में हालत ये होते है कि यदि राशन दुकान वाला उधार में राशन न दें तो घर में खाने के भी लाले पड़ जाए।


रायपुर | कोरोना काल में ये कैसी आफत आई है स्वेक्षा से न दान करने पर स्तीफे की नौबत आई है। एक तरफ देश कोरोना महामारी से गुजर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्वेक्षा से दान न करने पर जबरिया धमतरी पुलिस अधीक्षक (SP) बीपी राजभानु ने आरक्षक का ट्रांसफर कर दिया ,हमेशा से ही तृतीय कर्मचारीयों का शोषण होता रहा है, आवाज उठाने वाले कर्मचारी अपनी गुहार लगाते रहते हैं मगर अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेगतीं आज फिर एक आरक्षक ने अपना दर्द बयां किया है। कोरोना प्रभावित छत्तीसगढ़ के जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में स्वेच्छा से योगदान के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों के चालू माह अप्रैल के वेतन से एक दिन की राशि कटौती के संबंध में वित्त विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है. लेकिन अपने एक दिन के लिए वेतन में कटौती के लिए असहमति पत्र देने वाले पुलिस जवान का एसपी ने तत्काल प्रभाव से तबादला नक्सल क्षेत्र के थाना मेचका में कर दिया।


धमतरी के पुलिस लाइन में पदस्थ इस पीड़ित जवान ने एक वीडियो जारी कर पूरी हकीकत बया की है. धमतरी के इस जवान का नाम उज्जवल दीवान है, इस ट्रांसफर के संबंध में जब धमतरी एसपी बीपी राजभानु से संपर्क कर उनसे उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

इस वीडियो में जवान ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए पुलिस विभाग की पोल खोलकर रख दी है. इस वीडियो में जवान बता रहा है कि कैसे विभाग के उच्च अधिकारी अपने बंगले में जवानों से अनाधिकृत तरीके से ड्यूटी करवाते है.

जब पीड़ित जवान से ये पूछा गया कि उन्हें एक दिन का वेतन इस महामारी में दान देने में क्या परेशानी है ? तो पीड़ित जवान ने बताया कि वो पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है. उस पर 12 लाख रुपए का होम लोन है. महीने के अंतिम दिनों में हालत ये होते है कि यदि राशन दुकान वाला उधार में राशन न दें तो घर में खाने के भी लाले पड़ जाए,

जवान के मुताबिक उसका वेतन करीब 26 हजार रुपए प्रतिमाह है. ऐसे में यदि वो एक दिन का दान दे देगा तो उसे कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने अपने इस मामले में मुख्यमंत्री से स्वतः संज्ञान लेकर मदद करने की मांग की है. हालांकि वीडियो में जवान ने इस्तीफा देने की भी बात कही है।