दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके, 30 सेकंड से ज्यादा देर तक किए गए महसूस - Jai Bharat Express

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दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके, 30 सेकंड से ज्यादा देर तक किए गए महसूस

नेपाल-चीन बार्डर के पास भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है, दोपहर करीब 2.28 बजे अचानक से धरती हिलने लगी ,भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल के हिसाब से काफी ज्यादा थी. भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई है। 




दिल्ली | दिल्ली एनसीआर में मंगलवार दोपहर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं, जिससे लोगों में हड़कंप मच गया. धरती हिलते ही लोग अपने घरों से निकलकर खुले आसमान के नीचे आ गए. लोगों ने करीब 30 सेकंड ज्यादा समय तक भूकंप के झटके महसूस किए हैं. दिल्ली एनसीआर के साथ उत्तराखंड में भूकंप आया है. हालांकि, अभी तक कहीं से भूकंप की वजह से किसी भी प्रकार के नुकसान होने की कोई खबर नहीं आई है.।


दिल्ली के साथ नोएडा और गाजियाबाद में भूकंप के तेज झटके लगे हैं. नेपाल-चीन बार्डर के पास भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है. दोपहर करीब 2.28 बजे अचानक से धरती हिलने लगी. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल के हिसाब से काफी ज्यादा थी. भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई है. दिन के समय भूकंप आने की वजह से लोग दहशत में आ गए हैं और तुरंत भागकर बाहर आ गए, वहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धरती हिली है. दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी भूकंप आया है. जिस वक्त धरती हिली उस वक्त अधिकांश लोग आफिस या घर में मौजूद थे. ऐसे में लोग दहशत में आ गए. यह भूकंप काफी देर महसूस किया गया है. इसे लेकर लोगों का कहना है कि भूकंप आते ही लोग अपने परिवार के साथ घरों से निकलकर खुले आसमान के नीचे आ गए


भूकंप क्यों आता है?


बता दें कि धरती के अंदर 7 प्लेट्स हैं, ये लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जहां ज्यादा टकराती हैं, उस जोन को फॉल्ट लाइन कहा जाता है. बार-बार टकराने के कारण प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं. अगर ज्यादा दबाव होता है तो प्लेट्स टूटना शुरू हो जाती हैं और नीचे की ऊर्जा बाहर की ओर आने का रास्ता खोजने लगती है. इसी डिस्टर्बेंस की वजह से भूकंप आता है।


कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?


रिक्टर स्केल असर

0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.

2 से 2.9 हल्का कंपन.

3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर.

4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं.

5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है.

6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.

7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.

8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं. सुनामी का खतरा होता है.

9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी