H3N2 Virus: ये वायरल बीमारी है, इसलिए किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ये आसानी से फैल सकता है. WHO के मुताबिक भीड़भाड़ वाली जगहों पर ये आसानी से फैल सकता है।
नई दिल्ली| एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देश में फैल रहे H3N2 इन्फ्लूएंजा से लोगों को सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह कोरोना के जैसै ही फैलता है। इससे बचने के लिए मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और बार-बार हाथ धोते रहें। बुजुर्गों और पहले से ही किसी बीमारी से परेशान लोगों को इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है।देश में कोरोना वायरस के मरीज भले ही कम आ रहे हों, लेकिन सर्दी-खांसी और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।डॉक्टरों का दावा है कि H3N2 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।
H3N2 वायरस से बचाव
इस वायरस से बचने के लिए एहतियात के तौर पर मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें, डॉ. गुलेरिया ने इस इन्फ्लुएंजा से उच्च जोखिम वाले मरीजों और बुजुर्गों के लिए एक टीका भी जरूरी बताया है।वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसे मौसमी बुखार कहा है, जो पांच से सात दिन तक रहता है. आईएमए ने संक्रमित व्यक्ति को एंटीबायोटिक लेने से बचने की सलाह दी है।
दो महीने से बढ़ रहे इन्फ्लूएंजा के मामले
पिछले दो महीने से राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद फ्लू के बढ़ते मामलों से लोगों में डर है, क्योंकि इससे जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे ही लक्षण देखने को मिल रहे हैं। बीते कुछ दिनों में दिल्ली और आसपास के इलाकों से कई ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जो 10-12 दिनों से तेज बुखार के साथ खांसी से परेशान हैं।वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसे मौसमी बुखार कहा है, जो पांच से सात दिन तक रहता है. आईएमए ने संक्रमित व्यक्ति को एंटीबायोटिक लेने से बचने की सलाह दी है।
मरीजों में दिख रहे सिरदर्द, खांसी, बुखार जैसे लक्षण
मेदांता हॉस्पिटल के आंतरिक चिकित्सा विभाग की सीनियर डायरेक्टर सुशीला कटारिया ने कहा कि ये मरीज इन्फ्लुएंजा-ए वायरस के H3N2 स्ट्रेन से संक्रमित हैं। फ्लू के मरीज को 2-3 दिनों तक तेज बुखार बना रहता है। शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन इसके अलावा मरीज में लगातार दो हफ्ते तक खांसी होती है। ये फ्लू के सामान्य लक्षणों में गिने जाते हैं।
ICMR की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले दो-तीन महीनों से इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सब-टाइप H3N2 फैल रहा है। देश के कई हिस्सों में लोगों में इसी स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाकी सब-टाइप्स की तुलना में इस वैरिएंट की वजह से लोग अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होते हैं।