देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा 2012 तक टाटा ग्रुप के प्रमुख थे. उन्होंने करीब 22 साल के बाद 78 साल की उम्र में इस पद को छोड़ने का फैसला लिया था।
Ratan Tata: देश के जाने माने उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। इससे पहले उनकी तबीयत खराब होने पर मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और बुधवार रात उनका निधन हो गया है।
आपको बता दें की मुंबई में उद्योगपति रतन टाटा का मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया। पीटीआई के हवाले से खबर है कि देश के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबित रतन टाटा पिछले कई दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल में एडमिट थे. इलाज के दौरान उनकी हालत खराब होने के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया था. उनकी तबीयत खराब होने की पुष्टी टाटा ग्रुप के हेडक्वार्टर बॉम्बे हाउस ने खुद की थी. उनकी मौत के बाद उद्योगपति हर्ष गोयपनका ने भी अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर रतन टाटा के निधन की पुष्टी कर दी है।
कब लिया टाटा ग्रुप से रिटायरमेंट
देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा 2012 तक टाटा ग्रुप के प्रमुख थे. उन्होंने करीब 22 साल के बाद 78 साल की उम्र में इस पद को छोड़ने का फैसला लिया था. उन्होंने अपनी अगुवाई में ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज को इंफोसिस और विप्रो से आगे लेकर आए. खास बात तो ये है उन्होंने आम लोगों की कार का सपना पूरा करने के लिए टाटा नैनो लॉन्च की, जिसकी कीमत एक लाख रुपए थी. उन्होंने कई ग्लोबल कंपनियों को खरीदकर ग्रुप के पोर्टफोलियो को मजबूत किया. उन्होंने टेटली को 2000 में 450 मिलियन डॉलर में खरीदा था, जबकि कोरस का अधिग्रहण 2007 में किया था. इसकी वैल्यू 6.2 बिलियन पाउंड थी. वहीं दूसरी ओर विदेशी कंपनी जगुआर लैंड रोवर को 2008 में 2.3 बिलियन डॉलर में खरीदकर तहलका मचा दिया था।