कभी आपसे भी कोई मंच से अपमान करे तो...?
सिंगरौली के ग्रामीण मंच पर बोले गए शब्द अब जबलपुर की अदालत में गूंज रहे हैं। और यह गूंज इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आम आदमी की प्रतिष्ठा की पुकार है।
देवेंद्र पाठक, जो न कोई नेता हैं, न उद्योगपति—एक सामान्य ज़मीनी कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने विधायक से सवाल पूछने का साहस किया। जवाब में मिला अपमान।
लेकिन पाठक ने झुकने के बजाय सबूतों और गवाहों के साथ कानून का दरवाजा खटखटाया।
यह मुकदमा उन हजारों-लाखों नागरिकों की ओर से है जो सत्ता की भाषा से घायल होते हैं पर बोल नहीं पाते। यह फैसला जब आएगा, तो यह तय करेगा—क्या मंच से अपमान करना राजनेता का विशेषाधिकार है?