नई दिल्ली:पिछले दिनों लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए भीषण हादसे की धमक अभी तक लोगों के कानों में गूंज रहा है. इस हादसे में 135 लोगों की मौत और लगभग 5 हजार से अधिक लोग घायल हो गए. इतने लोगों की जान लेने वाला खतरनाक रसायन अमोनियम नाइट्रेट है.
लेकिन बड़ा सवाल है क्या भारत ऐसे होने वाले किसी बड़े हादसों से सुरक्षित है ? देश के कई शहरों में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट रखा हुआ है | आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टम के मिंडी क्षेत्र में अमोनियम नाइट्रेट का एक बड़ा वेयर हाउस है | विशाखापट्टम के श्रवण शिपिंग सर्विस में लगभग 18,500 मीट्रिक टन अमोनियम नाइट्रेट स्टोर कर के रखा हुआ है.तमिल नाडु के चेन्नई में भी अमोनियम नाइट्रेट का बड़ा जाकिर है. तमिल नाडु में मनाली के पास के इलाकों में लगभग 740 टन के अमोनियम नाइट्रेट एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन में रखा हुआ है. मीडिया के खबर के अनुसार अमोनियम नाइट्रेट के इतने बड़े खेप को वर्ष 2015 में सलेम की एक कंपनी से जब्त किया गया था. सालेम की कंपनी इतने बड़े मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट का आयात किया था।
विशाखापट्टम के कलेक्टर विनय चंद ने एक तीन सदस्यीय कमिटी बना के वहां के वेयर हाउस की सुरक्षा के पैमानों पर जांच की है.
जिसमे राजस्व विभागीय अधिकारी के पेंचाला किशोर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यकारी अभियंता सुभान और कारखानों के निरीक्षक शिव शंकर रेड्डी शामिल हैं. कमिटी के सदस्यों ने श्रवण शिपिंग सर्विसेज के गोदाम में रखे 18,500 मीट्रिक टन अमोनियम नाइट्रेट की सुरक्षा पैमानों पर कई स्तर पर जांच एवं मुयाना किया। जांच करने के बाद कमिटी के सदस्यों का कहना था कि फ़िलहाल शहर को अमोनियम नाइट्रेट से कोई खतरा नहीं है.