जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक नियुक्ति के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए जिला कलेक्टर को कार्रवाई का निर्देश दिया है। इस मामले में फरियादी को भी ताकीद किया है कि वह दोबारा कलेक्टर के समक्ष आवेदन करें। मामला जिले में आयुष चिकित्सक पद पर नियुक्ति का है। इस मामले में याचिकाकर्ता डॉ.शेख मोहम्मद लियाकत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद के साथ हुए अन्याय के लिए गुहार लगाई थी। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने पक्ष रखा।
अधिवक्ता शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता टीकमगढ़ के मूल निवासी हैं। वह एक कुशल चिकित्सक हैं। उन्होंने आयुष डॉक्टर के विज्ञापित पद के लिए आवेदन किया। लेकिन उसकी पात्रता व अनुभव को दरकिनार कर दिया गया। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कुशल चिकित्सक की जगह याचिकाकर्ता से कम योग्यता व अनुभव वालों को उपकृत किया गया है। कहा कि इससे संबंधित शिकायत जिला कलेक्टर से भी की गई लेकिन उन्होंने उस शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में याचिकाकर्ता को कोर्ट की शरण में आना पड़ा।
अधिवक्ता ने दलील रखी कि किसी की मैरिट की अनदेखी अनुचित है। ऐसा करके योग्यता का अपमान किया गया है। अधिवक्ता शुक्ला के तर्क को सुनने के बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता नए सिरे से डीएम को शिकायती पत्र सौंपें। कोर्ट ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि वह इस दफा मामले पर गंभीरता से विचार कर समुचित निराकरण करेंगे। इसके लिए कलेक्टर को चार सप्ताह की मोहलत दी जाती है।