ISI और पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों की नई साजिश ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बढ़ा दी है। सुरक्षाबलों और सुरक्षा एजेंसियों की चुस्ती से भारत में हमले नहीं कर पाने की वजह से बेचैन ISI और आतंकवादी समूहों ने खूनी खेल का नया प्लान तैयार किया है। अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए वे लोकल गैंगस्टर्स का सहारा लेने की कोशिश में हैं।
हाल ही में चंडीगढ़ इंटेलिजेंस यूनिट ने सभी इंटेलिजेंस एजेंसी यूनिट्स को 'आतंकी-गैंगस्टर' गठजोड़ को लेकर सावधान किया है। कुछ गैंगस्टर्स का नाम देते हुए इंटलिजेंस विंग ने कहा है कि ISI और आतंकवादी समहू इन गैंगस्टर्स के साथ संपर्क में हैं और उन्हें भारत में हमलों को अंजाम देने का टास्क दे रहे हैं। इनमें से कुछ भगोड़े अपराधी हैं तो कुछ जेलों में बंद हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह संभव है कि ISIS इन स्थानीय लेकिन बेहद प्रभावशाली गैंगस्टर्स से संपर्क कर सकता है या पहले से ही संपर्क में है। सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के पंजाब यूनिट ने कुछ दिन पहले भेजे अलर्ट में कहा है कि ISI और दूसरे आतंकवादी समूहों ने 5 गैंगस्टर्स को कुछ नेताओं को टारगेट करने का टास्क दिया है।
इन पांच गैंगस्टर्स में से 2 भगौड़े हैं और पुलिस उनकी तलाश में हैं, जबकि तीन पंजाब के अलग-अलग जेलों में कैद हैं। ये गैंगस्टर्स दर्जनों हत्याओं, लूट, नशे के कारोबार में शामिल हैं और जेल से रैकेट चला रहे हैं। लोकल पुलिस को इन गैंगस्टर्स पर नजर रखने को कहा गया है।
एक अधिकारी के मुताबिक, ISI को यह रणनीति इसलिए बनानी पड़ी है क्योंकि जिस लोकल स्लीपर सेल पर आतंकी संगठन निर्भर रहते थे उन्हें खत्म कर दिया गया है या अब वे उनके लिए काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सुरक्षाबलों के हाथों मारे जाने का डर है। लोकल स्लीपर सेल्स को कंट्रोल करने के लिए कोई टॉप लेवल कमांडर भी नहीं बचा।