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भारत-बांग्लादेश बार्डर: 2020 में सीमा पार से घुसपैठ में आई कमी, राज्यसभा में बोले गृह राज्य मंत्री

 


केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 2020 में सीमा पार से घुसपैठ में कमी आई है. साथ ही बताया की पश्चिम बंगाल के साथ सीमा पर 60 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में बाड़ लगाने का काम भूमि अधिग्रहण संबंधी मसलों के कारण पूरा नहीं हो सका. गृह राज्य मंत्री एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे जिसके उत्तर में उन्होंने सदन में ये जानकारी दी. राय ने कहा कि पिछले एक साल में, घुसपैठ के 489 मामले थे और 955 घुसपैठियों को सीमा सुरक्षा बल द्वारा गिरफ्तार किया गया और आगे की कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया.

उन्होंने बताया कि 2016 घुसपैठ मे धीरे-धीरे कमी आ रही है. 2018 में 420 मामले थे और 884 गिरफ्तारियां की गईं, जबकि 2019 में 500 मामले रहे और 1,109 गिरफ्तार किए गए. 2017 में 654 मामले थे, 1,601 लोग गिरफ्तार किए गए थे. मंत्री ने बताया कि 2016 से 2019 तक 2,548 शिकायतें आईं, जिसमें 2,104 एफआईआर दर्ज की गईं. 4,189 अभियुक्त नामजद किए गए, जिनमें से 4,072 को गिरफ्तार किया गया, और 1,134 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप लगाए गए और 212 को दोषी ठहराया गया.

भारत-बांग्लादेश सीमा

मंत्री ने यह भी बताया कि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कुछ हिस्सों में बाड़ नहीं लगाई जा सकी. हालांकि, पंजाब में भारत पाकिस्तान सीमा पर मॉड्यूलर फेंसिंग के नए डिजाइन के लिए पायलट प्रोजेक्ट मार्च 2020 में पूरा हो गया है. भारत के पश्चिम बंगाल राज्य से लगी बांग्लादेश सीमा वाला इलाका अमूमन शांति है. पर दोनों देशों की शांति के बीच तस्करी और घुसपैठ के हालात ऐसे हैं कि वॉर जोन न होने के बावजूद सुरक्षा बलों को हमेशा ऐक्शन मोड में रहना पड़ता है. दोनों देशों ने 2011 में सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए नॉन-लीथल पॉलिसी (Non Lethal Policy) अपनाने का समझौता किया था. उससे पहले सीमा पर बहुत हिंसक टकराव हुआ करते थे.