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किसान आंदोलन पर 'दखल' देने वाले कनाडा को आई 'अकल', जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार के प्रयासों को सराहा



 दिल्ली |  भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन पर घिर चुके कनाडा के तेवर अब बदलते नजर आ रहे हैं। दिसंबर में किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अब भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कनाडा के पीएम ने किसान आंदोलन को लेकर भारत सरकार के बातचीत से रास्ता निकालने के प्रयासों की सराहना की है। प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'किसान आंदोलन को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार के बातचीत के प्रयासों को सराहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कनाडा में मौजूद भारत के राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।'

इससे पहले बुधवार को कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भारत सरकार से कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने की अपील की थी। इस पर पीएम मोदी ने भारत की ओर से हरसंभव मदद दिए जाने का भरोसा दिया था। दिसंबर की शुरुआत में कनाडाई पीएम की ओर से किसान आंदोलन का समर्थन किए जाने के बाद दोनों देशों के संबंध निचले स्तर पर चले गए थे।


भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कनाडा के राजनयिक को तलब किया था। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया था, 'कनाडा के हाई कमिश्नर को समन जारी किया गया था और उन्हें बताया गया है कि पीएम जस्टिन ट्रूडो और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों की ओर से किसान आंदोलन को लेकर की गईं टिप्पणियां स्वीकार नहीं की जा सकतीं। यह भारत के आंतरिक मामले में दखल जैसा है।'
यही नहीं विदेश मंत्रालय ने सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि इस तरह की हरकतें भारत और कनाडा के संबंधों को निचले स्तर पर ले जाएंगी। हालांकि कनाडा के तेवर पिछले कुछ समय नरम हुए हैं। कोरोना वैक्सीन के लिए मदद की गुहार पर भारत ने कनाडा को सकारात्मक जवाब दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वैक्सीन डिप्लोमेसी के चलते कनाडा और भारत के संबंध फिर पटरी पर आ सकते हैं। किसान आंदोलन के अलावा कनाडा सरकार पर खालिस्तानियों को लेकर भी नरम रुख अपनाने के आरोप लगते रहे हैं।