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Bank Strike: लोकसभा में कांग्रेस ने उठाया बैंकों के निजीकरण का मुद्दा, कहा- ये वित्तीय सुरक्षा से समझौता



 Bank Strike : आज दूसरे दिन भी बैंक यूनियनों की हड़ताल जारी है. कानपुर में बैंक कर्मचारियों ने सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के अध्यक्ष ने कहा ''निजीकरण से गरीब जनता को सबसे ज्यादा नुकसान है. गरीब जनता आज राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से कई तरह के लाभ उठा रही है.'' बैंक कर्मचारियों के प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा ''हमारी मांग है कि जब आज पूरे भारत में 13 लाख लोग हड़ताल पर हैं तो उनको बुलाकर बात करनी चाहिए. जो बड़े-बड़े बैंक गरीबों और छोटे व्यापारियों की मदद करते हैं उन बैंकों को अमीरों के हाथ में देने की सरकार की मंशा ठीक नहीं है.''

कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण वित्तीय सुरक्षा से समझौता करेगा क्योंकि निजी क्षेत्र के बैंक बड़े व्यवसायों के लिए ऋण का विस्तार करेंगे और गरीबों के बारे में नहीं सोचेंगे. उन्होंने कहा कि 9 सार्वजनिक बैंकों के 10 लाख कर्मचारी निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर हैं. सरकार से कर्मचारी संघों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए.

लोकसभा में बोलते हुए सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गरीबों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने के लिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था. उन्होंने कहा कि वह पीएसयू बैंक है जिसने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान वित्तीय क्षेत्र को बचाया था.

बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं के निजीकरण की सरकार की घोषणा के विरोध में नौ बैंक यूनियनों ने 15 मार्च से शुरू होने वाली दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के अपने केंद्रीय बजट भाषण में कहा कि सरकार दो और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करेगी.