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Holi 2021: कब है होलिका दहन और होली का त्योहार, क्या हैं शुभ मुहुर्त और महत्व, सब कुछ जानें

 


Holi 2021: होली का त्योहार आने में बस चंद दिन ही बचे हैं. ब्रज में तो होली का पर्व 40 दिनों तक मनाया जाता है. आइए जानते हैं कब है होलिका दहन और होली का त्योहार , साथ ही जानते हैं इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है.

होली खुशियों और उमंगों का त्योहार है. होली के आते ही चारों तरफ खुशियों का माहौल बिखर जाता है. ये पर्व आपसी गिले-शिकवे भुलाकर गले लगने का त्योहार है. हिंदू धर्म के अनुसार होली का पर्व दो दिनों तक मनाया जाता है. प्रथम दिन होलिका का दहन किया जाता है. हिंदू पंचाग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है. ये त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. इसके अगले दिन रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है. चारों तरफ अबीर गुलाल की छटा बिखरी नजर आती है. गांव से लेकर शहरों तक लोग एक दूसरे को रंग लगाकर जमकर मस्ती करते हैं. इस साल होलिका दहन 28 मार्च को और होली 29 मार्च को है. वहीं पंचांग के मुताबिक होली से आठ दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है. इस साल होलाष्टक 21 मार्च से शुरू होगा.


होलाष्टक में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं


होलाष्टक 21 मार्च से आरंभ होगा और 28 मार्च को होलिका दहन पर इसका समापन होगा. मान्यता है कि होलाष्टक में आठ दिनों तक शादी विवाह जैसे मांगलिक और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.


होलिका दहन का क्या है शुभ मुहूर्त?
पंचांग के अनुसार होलिका दहन 28 मार्च रविवार के दिन पूर्णिमा की तिथि में किया जाएगा. इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर रात के 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा.


होलिका दहन के अगले ही दिन रंगों का यह त्योहार मनाया जाता है. अब आप सोचेंगे कि रंग होली में कैसे आया. दरअसल माना जाता है कि भगवान कृष्ण रंगों से होली मनाते थे, इसलिए होली का त्योहार रंगों के रूप में लोकप्रिय हुआ. वे वृंदावन और गोकुल में अपने साथियों के साथ होली मनाते थे.


रंगों का त्योहार होली कब है?
पंचांग के अनुसार इस वर्ष होली का पर्व 29 मार्च 2021 सोमवार को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाएगा. होली के पर्व पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेगा. ग्रहों की बात करें तो मकर राशि में शनि और गुरू विराजमान रहेंगे. शुक्र और सूर्य मीन राशि में रहेंगे. वहीं मंगल और राहु वृषभ राशि, बुध कुंभ राशि और मोक्ष के कारण केतु वृश्चिक राशि में विराजमान रहेंगे.


इस त्योहार का संबंध फसल पकने से भी है

होली वसंत का त्यौहार है और इसके आने पर सर्दियां खत्म होती हैं. कुछ हिस्सों में इस त्यौहार का संबंध वसंत की फसल पकने से भी है. किसान अच्छी फसल पैदा होने की खुशी में होली मनाते हैं. होली को 'वसंत महोत्सव' या 'काम महोत्सव' भी कहते हैं.