इमरान खान ने 24 घंटे के भीतर बदला अपना रंग, अब भारत से नहीं लेगा मदद, जानिए क्या है पूरा मामला - Jai Bharat Express

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इमरान खान ने 24 घंटे के भीतर बदला अपना रंग, अब भारत से नहीं लेगा मदद, जानिए क्या है पूरा मामला

 


इमरान खान के नेतृत्व वाले पाकिस्तान फेडरल कैबिनेट ने इकोनॉमिक को-ऑर्डिनेशन कमिटी (ECC) के उस प्रस्ताव को नकार दिया है जिसमें भारत से कॉटन और चीनी खरीदने का फैसला किया गया था. ECC एक फेडरल इंस्टिट्यूशन है जो पाकिस्तान की आर्थिक सेहत को लेकर वहां के प्रधानमंत्री को अपनी सलाह देता है. 24 घंटे पहले ईसीसी ने भारत से आयात पर लगी रोक को हटाने की अनुमति दी थी.

पाकिस्तान के Geo News ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा है कि कैबिनेट ने गुरुवार को इस प्रस्ताव को नकार दिया है. वहां के ह्यूमन राइट्स मिनिस्टर शिरीन मजारी ने ट्वीट कर कहा कि कैबिनेट ने भारत के साथ व्यापार दोबारा शुरू करने के प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने साफ-साफ कहा है कि भारत के साथ तब तक संबंध बेहतर नहीं हो सकते हैं जब तक वह जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने का फैसला पलट नहीं देता है.

दो सालों से बंद है भारत के साथ व्यापार

बुधवार को पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हम्मद अजहर ने कहा कि इमरान खान सरकार दो सालों से जारी बैन को वापस लेने का फैसला किया है. अजहर ने कहा कि इकोनॉमिक कोर्डिनेशन कमिटी यानी ECC ने बुधवार को भारत से 5 लाख टन चीनी (white sugar ) खरीदने का फैसला किया है. अजहर ने कहा कि भारत में चीनी की कीमत काफी कम है. ऐसे में हमने भारत के से चीनी खरीदने का फैसला किया है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान जून के महीने से भारत से कॉटन का भी आयात करेगा. उन्होंने कहा कि भारत से कॉटन आयात पर बैन लगा दिया गया था जिससे देश का स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्री पर काफी बुरा असर हुआ है. ऐसे में मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स के सुझाव अनुरूप भारत से कॉटन आयात करने का भी फैसला किया गया है.

अगस्त 2019 में पाकिस्तान ने खत्म किया था रिश्ता

पाकिस्तानी न्यूजपेपर the Dawn ने कहा कि भारत से आयात दोबारा शुरू होने से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध में मजबूती आएगी. बता दें कि जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया था उसके विरोध में इमरान खान सरकार ने अगस्त 2019 में भारत के साथ डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप को खत्म करने का फैसला किया था. उसने इस्लामाबाद में इंडियन हाई कमिशन को भी बर्खास्त करने का फैसला किया था. इसके अलावा उसने भारत के साथ हवाई और जमीनी संपर्क को भी खत्म कर दिया था. इसके कारण ट्रेड और रेलवे सेवा बंद हो गई थी.