मॉस्को। चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) के लिए एक बुरी खबर है। भारत (India) के रक्षा बेड़े में बहुत जल्द ही रूस की अत्याधुनिक S-400 मिसाइल प्रणाली (S-400 Missile System) शामिल होने जा रही है। S-400 की पहली खेप रूस (Russia) से इस वर्ष अक्टूबर-दिसंबर में भारत आ जाएगी। धरती से हवा में लंबी दूरी तक मार करने वाले इस डिफेंस सिस्टम से सभी देश खौफ खाते हैं, वहीं अब जब यह प्रणाली भारत को मिलने जा रही है, तो चीन और पाकिस्तान की धड़कनें तो बढ़ ही जाएंगी।
400KM दूर से दुश्मन का नामोनिशान नहीं रहेगा
रूस के सरकारी शस्त्र निर्यातक रोसोबोरोनएक्पोर्ट (Rosoboronexport) के सीईओ अलेक्जेंडर मिखेयेव (Alexander Mikheyev) ने बताया कि सब कुछ वक्त के मुताबिक चल रहा है और विमान भेदी S-400 मिसाइल प्रणालियों की पहली खेप इस वर्ष अक्टूबर-दिसंबर में भारत को मिल जाएगी। S-400 रूस की सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जो यह 400 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि ड्रोन को भी नष्ट खत्म कर सकती है।
एजेंसी के मुताबिक, भारतीय विशेषज्ञ रूस पहुंए गए हैं और उन्होंने जनवरी 2021 में S-400 संबंधी प्रशिक्षण भी लेना आरम्भ कर दिया है। आपको बता दें कि भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ पांच अरब डॉलर में S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच यूनिट खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट किया था। इसके लिए भारत 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किस्त भर चुका है।
America का विरोध किया गया दरकिनार
ये भी जानना आवश्यक है कि नई दिल्ली ने यह करार अमेरिका (America) द्वारा प्रतिबंध लगाने की धमकी के बाद भी किया है। इस वर्ष की शुरुआत में अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि रूस से भारत के S-400 हवाई रक्षा प्रणाली खरीदने पर उसे अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। मोदी सरकार ने स्पष्ट शब्दों में बताया था कि भारत की हमेशा से स्वतंत्र विदेश नीति रही है जो इस रक्षा खरीद और आपूर्ति पर भी लागू है।