माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत, संघ के पूर्व सरकार्यवाह भइयाजी जोशी, पूर्व सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी और सर कार्यवाह अरुण कुमार के एकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है। हालांकि, भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल को ट्विटर के द्वारा फिर से वेरिफाई कर दिया गया है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि ट्विटर से ब्लू टिक हटाने का मतलब होता है कि कंपनी ने उस अकाउंट को अनवेरिफाई कर दिया है। ट्विटर ने मोहन भागवत समेत आरएसएस के कई नेताओं के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक को हटा दिया यानी अनवेरिफाई कर दिया है। जानकारी के अनुसार, मोहन भागवत ने अपने ट्विटर हैंडल से अभी तक एक भी ट्वीट नहीं किया है, इसलिए ट्विटर ने कार्रवाई करते हुए उनके ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक को हटा दिया गया है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इससे पहले भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर अकाउंट से कंपनी ने ब्लू टिक हटा दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर 'Vice President of India' ट्रेंड कर गया। ट्विटर के इस फैसले का कई लोगों ने विरोध किया।
यहां तक कि आईटी मंत्रालय ने ट्विटर की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। केंद्र ने ट्विटर की मंशा को गलत करार दिया है। सोशल साइट ट्विटर ने शुक्रवार को भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल से 'ब्लू-टिक' को हटा दिया। लेकिन फिर से ट्विटर के द्वारा उपराष्ट्रपति के अकाउंट पर ब्लू टिक लगा दिया गया है।
जानें कब हटाया जाता है ब्लू टिक
ट्विटर के द्वारा ब्लू टिक हटाने के पीछे कई नियम और शर्तें होती हैं। जैसे यदि कोई अपने हैंडल का नाम बदले या फिर कई महीनों तक अकाउंट पर कोई गतिविधि न हो तो ऐसे में ट्विटर कंपनी एक्शन लेती है।
