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VIDEO- शिवराज का ऐतिहासिक फैसला जिन परिवारों के पास भूखण्ड नहीं है, उन्हें नि:शुल्क प्लॉट देगें

मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के दिशा-निर्देश जारी। जिन परिवारों के पास भूखण्ड नहीं है, उन्हें राज्य सरकार नि:शुल्क प्लॉट उपलब्ध कराएगी।


हर परिवार का अधिकार है जमीन का एक टुकड़ा, राज्य सरकार देगी पट्टा - राज्य शासन का ऐतिहासिक फैसला।



न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताएं और प्रतिष्ठापूर्ण जीवन यापन हर परिवार का अधिकार,भूखण्ड प्राप्त होने से शासकीय योजनाओं और बैंकों से ऋण मिलने में होगी आसानी।



60 वर्गमीटर होगा भूखण्ड का अधिकतम क्षेत्रफल।



पात्र परिवारों की सूची पर आमंत्रित किए जाएंगे आपत्तियां और सुझाव,सूचियां होंगी सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित।



पति-पत्नी के संयुक्त नाम से होगा भू-स्वामी अधिकार पत्र,भू-खण्ड आवंटन के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।



भू-खण्ड के लिए ऑनलाइन SAARA पोर्टल से करना होगा आवेदन,आयकरदाता और शासकीय सेवक नहीं होंगे योजना के लिए पात्र।


 

भोपाल |मध्यप्रदेश की सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा ऐतिहासिक फैसला ले लिया है। प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा है कि राज्य सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए तय किया है कि ऐसे घर जिनमें एक से अधिक परिवार रहते हैं, परिवार मतलब पति-पत्नी व बच्चे और यदि उनके पास रहने का कोई भूखण्ड नहीं है तो उन्हें सरकार रहने के लिए नि:शुल्क प्लॉट उपलब्ध कराएगी। उनके पास आवास पट्टा होगा, राज्य सरकार पट्टा देगी। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनने की राह भी खुल जाएगी और बाकी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिसने इस धरती पर जन्म लिया है, उसका यह अधिकार है कि रहने के लिए जमीन का एक टुकड़ा तो कम से कम उसके नाम का हो। जिस पर वह मकान बनाकर अपने परिवार-बच्चों के साथ रह सके। यह गरीबों के हक में एक ऐतिहासिक फैसला है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास पर मीडिया के लिए जारी संदेश में कहा कि मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर भू-खण्ड आवंटन के दिशा निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी कर दिए गए हैं।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक परिवार को न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताओं के साथ प्रतिष्ठापूर्ण जीवनयापन का अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। आवासीय भू-खण्ड प्राप्त होने पर शासकीय योजनाओं एवं बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। अत: राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में आबादी क्षेत्र की भूमि पर पात्र परिवारों को आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना आरंभ की गई है।


योजना के अंतर्गत आबादी भूमि की उपलब्धता के संबंध में जिला कलेक्टर को अधिकार प्रदान किए गए हैं। आवंटन के लिए भू-खण्ड का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर होगा। परिवार से आशयक पति-पत्नी तथा उनके अविवाहित पुत्र-पुत्री होंगे। आवेदन करने के लिए वही आवेदक परिवार पात्र होंगे जो संबंधित ग्राम के निवासी हों। आवासीय भू-खण्ड प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन SAARA पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत करना होगा।


योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों की ग्रामवार सूची संबंधित ग्राम के निवासियों से आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाएगी, जिसकी समयावधि दस दिन से कम की नहीं होगी। सूचना, चौपाल- गुड़ी, चावड़ी आदि सार्वजनिक स्थानों तथा ग्राम पंचायत कार्यालयों में चस्पा की जाएगी। पात्र आवेदकों को पति एवं पत्नी के संयुक्त नाम से उपलब्धता के आधार पर भूस्वामी अधिकार पत्र प्रदान किए जाएंगे। भू-खण्ड आवंटन के लिए कोई प्रीमियम देय नहीं होगा। प्राप्त आवेदनों तथा स्वीकृत प्रकरणों की मॉनीटरिंग आयुक्त राजस्व द्वारा की जाएगी।


जिन परिवारों के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिए आवास है अथवा परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है या जो परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान से राशन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं है अथवा यदि परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता या परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय सेवा में है या आवेदक का नाम उस ग्राम में जहां वह आवासीय भूखण्ड चाहता है वहां एक जनवरी 2021 को प्रचलित मतदाता सूची में दर्ज नहीं है वे व्यक्ति योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे।