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गेहूं की कीमतों में उछाल केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, तत्काल प्रभाव से निर्यात पर लगाई रोक


गेहूं का पर्याप्त स्टॉक देश में मेंटेंन करने के लिए ये कदम उठाया गया,गेहूं की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने उठाया कदम।


जिन देशों को पहले ही इसके निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है, उन्हें इसका निर्यात जारी रहेगा।

नई दिल्ली |गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है, शनिवार को सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया, गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। सरकार ने कहा है कि देश की खाद्य सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह कदम उठाया गया है। साथ ही पड़ोसी देशों और गरीब देशों को समर्थन करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी था। इस बीच आपको बता दें कि जिन देशों को पहले ही इसके निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है, उन्हें इसका निर्यात जारी रहेगा।


डीजीएफटी की अधिसूचना में दी गई जानकारी

विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा है कि इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से पूरी दुनिया में गेहूं की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है।


 गेंहू कीमत में 40 फीसदी तक आया उछाल


रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का नतीजा है कि भारत से गेहूं के निर्यात और मांग दोनों में बंपर उछाल आया है. केवल अप्रैल महीने में भारत ने रिकॉर्ड 14 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है. डिमांड के मुकाबले सप्लाई घटने के कारण ग्लोबल मार्केट में गेहूं की कीमत में 40 फीसदी तक का उछाल आया है. इसका असर डोमेस्टिक मार्केट में भी दिख रहा है।


अप्रैल महीने में रिकॉर्ड गेहूं का हुआ निर्यात 


भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक करने वाला देश है,देश ने वित्त वर्ष 2021-22 कुल 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया, जबकि बीते अप्रैल महीने की बात करें तो भारत ने रिकॉर्ड 14 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। देश में महंगाई आसमान छू रही है, खुदरा महंगाई एक बार फिर लंबी छलांग मारते हुए अप्रैल महीने में 7.79 फीसदी पर पहुंच चुकी है। इस बीच अप्रैल में खाद्य पदार्थों पर महंगाई 8.38 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी है।


भारत सहित पड़ोसी देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में है।


आठ मई, 2021 को गेहूं के आटे का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 29.14 रुपये प्रति किलोग्राम था. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि सोमवार को आटे की अधिकतम कीमत 59 रुपये प्रति किलो, न्यूनतम कीमत 22 रुपये प्रति किलो और मानक कीमत 28 रुपये प्रति किलो थी. आठ मई, 2021 को अधिकतम कीमत 52 रुपये प्रति किलो, न्यूनतम कीमत 21 रुपये प्रति किलो और मानक कीमत 24 रुपये प्रति किलो थी. केंद्र सरकार ने कहा कि कई गेहूं की वैश्विक कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप भारत, पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में है. इस साल गेहूं की सरकारी खरीद में करीब 55% गिरावट आई है क्योंकि खुले बाजार में गेहूं की कीमत एमएसपी से कहीं ज्यादा मिल रही है. गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,015 रुपये प्रति क्विंटल है।