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जबलपुर पुलिस विभाग में हो रहा है बड़ा खेल : पिछले 5 सालों से अंगद के पैर की तरह जमे हुए है पुलिस अधिकारी, मलाईदार शाखा में चाट रहे मलाई

जबलपुर पुलिस विभाग में हो रहा है बड़ा खेल : पिछले 5 सालों से अंगद के पैर की तरह जमे हुए है पुलिस अधिकारी, मलाईदार शाखा में चाट रहे मलाई




 

 

  

MP- जबलपुर|जबलपुर पुलिस विभाग में धीरे-धीरे ही सही मगर खेल बड़ हो रहा है ... पिछले 5 सालों से अंगद के पैर की तरह जमे हुए है पुलिस अधिकारी, मलाईदार शाखा में सेटिंग भिड़ाकर चाट रहे है मलाई, आपको बता दें की विधानसभा चुनाव- 2023 के वक्त चुन चुन के अधिकारियों को एक थाने से दूसरे थानें... एक जिले से दूसरे जिले भेजे जाने की कार्रवाई की गई,लेकिन जबलपुर के रक्षित केंद्र में तो यह नियम शायद लागू ही नहीं होता तभी तो अधिकारियों ने यहां गजब कर दिया। यहां एएसआई शिवेंद्र सिंह पिछले 5 सालों से अंगद के पैर की तरह जमे हुए है ..... लेकिन उनको कोई हिला नहीं पाया।


पिछले 5 साल से एक ही शाखा में जमे ASI शिवेंद्र सिंह




खास बात यह है कि उन पर अधिकारियों की मेहरबानी भी काफी है। तभी तो इस कृपा पात्र अधिकारी को पुलिस लाइन के अंदर पीओएल और एम टी यानी कि वाहन अधिग्रहण शाखा का प्रभारी भी बनाकर रखा गया है। ऐसा लगता है सबसे बड़े योग्य अधिकारी पुलिस लाइन में शिवेंद्र सिंह साहब ही हैं जिन पर अधिकारियों का वरदहस्त है।



खास बात यह है कि शिवेंद्र सिंह मूल रुप से 2018 के पहले शासकीय पुलिस अस्पताल में सेवा दे रहे थे। यानी कि उनको यहीं पर भर्ती मरीजों की सेवा करनी थी लेकिन अधिकारियों की मेहरबानी से अब लाइन में पी ओ एल शाखा और वाहन अधिग्रहण शाखा के प्रभारी भी बन बैठे हैं... और उनको इन दोनों शाखा से कोई अलग नहीं कर पा रहा है। जबकि दोनों ही सबसे महत्वपूर्ण शाखा पुलिस लाइन में यही मानी जाती है। कई वरिष्ठ अधिकारी भी पुलिस लाइन में मौजूद हैं उनको यहां की जिम्मेदारी न दे कर एक कनिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है जिससे कई सवाल भी उठने लगे हैं।



वाहन अधिग्रहण शाखा है.मालदार शाखा

जबलपुर पुलिस लाइन स्थित इस शाखा से कानून व्यवस्था के संचालन के लिए वाहनों का अधिग्रहण किया जाता है। साथ ही पी ओ एल शाखा से वाहनों को पेट्रोल डीजल मुहैया कराया जाता है। सूत्र बताते हैं कि कई प्राइवेट वेंडर भी यहां जुड़े हैं लिहाजा यहां पर कमीशन का खेल भी काफी चलता है और अपने चाहत की गाड़ियां भी कानून व्यवस्था के संचालन के लिए आवंटित कर दी जाती हैं यानी की पैसे का बड़ा खेल यहां पर होता है। हालांकि वेंडर खुलकर विरोध नहीं करते लेकिन आंतरिक रूप से यहां पर बड़ा खेल हो रहा है और लंबे अरसे से एक ही अफसर को इन दोनों शाखा की कमान दी गई है जिससे यहां की व्यवस्थाएं भी बिगड़ने लगी है। 


इस मामले पर जब हमने पुलिस अधीक्षक जबलपुर आदित्य प्रताप सिंह से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि इस मामले पर हम सत्यता का पता लगाएंगे और न्याय संगत कार्यवाही भी करेंगे।


सवाल यह भी उठता है की क्या जांच के बाद कार्रवाई होगी या फिर से पहले की तरह ही जांच के नाम पर कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा, या यूं कहें की मलाईदार शाखा पर यूं ही तो नहीं चार्ज दिया जाता है... देते रहना और बैठै रहना... बाकी सब ठीक है।