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मां शारदा की भक्ति मे लीन श्रद्धालु ने काट ली गर्दन : मां के चरणों में शीश चढ़ाने की कोशिश करने वाले श्रद्धालु की हालत है गंभीर पढिए यह खबर

मां शारदा की भक्ति मे लीन श्रद्धालु ने काट ली गर्दन : मां के चरणों में शीश चढ़ाने की कोशिश करने वाले श्रद्धालु की हालत गंभीर है. उसे सामुदायिक स्वस्थ केंद्र मैहर में भर्ती कराया गया है।







MP- मैहर| देवी को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु ने रेता अपना गला ... मध्य प्रदेश के मैहर जिले में सोमवार को एक खौफनाक घटना सामने आई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मैहर थाना अंतर्गत देवी चौकी स्थित मां शारदा मंदिर में एक श्रद्धालु ने देवी को प्रसन्न करने के लिए चाकू से अपना गला ही रेत लिया। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालु को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। श्रद्धालु लल्ला राम दहिया हवन कुंड पर पूजा कर रहा था। इसी दौरान उसने देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अपनी गर्दन पर चाकू चला दिया। इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गया। श्रद्धालु यूपी के प्रयागराज का रहने वाला बताया जा रहा है।


बताया जाता है कि लल्ला राम दहिया अपनी मन्नत पूरी होने पर मैहर स्थित मां शारदा माता मंदिर के हवन कुंड में पूजा-पाठ करने पहुंचा था। हालांकि उसे समय रहते मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं ने दबोच लिया। लोगों ने दहिया के हाथ से चाकू छीन लिया। खबर लगते ही पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और लहूलुहान आरोपी को नजदीकी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। युवक प्रयागराज के गढा गांव का रहने वाला बताया जाता है। लोगों ने यह भी बताया कि 37 वर्षीय लल्ला राम दहिया ने सबसे पहले मां शारदा का दर्शन पूजन किया। इसके बाद वह हवन कुंड के पहुंचा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में लल्ला राम बुरी तरह जख्मी हो गया है। 


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती

आसपास मौजूद श्रद्धांलु की मदद से पकड़ लिया गया. मगर चाकू से भक्त की हालत गंभीर हो गयी जिसके बाद पुलिस को सुचना दी गयी मौके पर पहुंची मैहर पुलिस की मदद से घायल भक्त को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैहर लाया जहा पर उसका उपचार जारी है.


आल्हा ऊदल ने चढ़ाया था शीश

आल्हा और उदल उन 2 भाईयों की कहानी है, जो परमार वंश के सामंत थे. उनके बारे में सबसे अहम जानकारी कालिंजर के राजा परमार के दरबार में कवि जगनिक द्वारा लिखे गए आल्हा खंड से मिलती है. इस काव्य रचना में दोनों भाइयों की 52 लड़ाइयों का रोमांचकारी वर्णन है. आल्हा खंड के अनुसार आखिरी लड़ाई उन्होंने पृथ्‍वीराज चौहान से लड़ी थी. उन्होंने मां शारदा को अपना शीश चढ़ाया।