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किसी को कंफ्यूजन नहीं रखना है, लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा CAA : अमित शाह का बड़ा बयान आप भी देखिए

CAA नागरिकता संशोधन कानून 2019, तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जिन्होंने लंबे समय से भारत में शरण ली हुई है। इस कानून में किसी भी भारतीय, चाहे वह किसी मजहब का हो, की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।








गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी देखिए यह VIDEO 👇🏻👇🏻



केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है.... उन्होंने कहा है कि भाजपा को 370 सीटें और NDA को 400 से अधिक सीटें मिलेंगी, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनेगी. शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कोई सस्पेंस नहीं है और यहां तक कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें फिर से विपक्षी बेंच में बैठना होगा।


एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा, हमने संविधान के अनुच्छेद 370 को, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था उसे निरस्त कर दिया है. इसलिए हमारा मानना है कि देश की जनता भाजपा को 370 सीटों और एनडीए को 400 से अधिक सीटों का आशीर्वाद देगी।


लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा CAA 


नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर, शाह ने कहा कि 2019 में कानून पारित हुआ था. इस संबंध में नियम जारी करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा. शाह ने कहा कि सीएए देश का कानून है, इसका नोटिफिकेशन निश्चित रूप से हो जाएगा. चुनाव से पहले ही सीएए को अमल में आना है इसमें किसी को कंफ्यूजन नहीं रखना है।


तो आइए जानते हैं कि आखिर सीएए क्या है और इसके लागू होने से क्या बदलाव आएंगे और सबसे अहम बात कि इसको लेकर लोगों में आपत्ति क्यों है? क्या है नागरिकता संशोधन कानून?


CAA नागरिकता संशोधन कानून 2019, तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के उन अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता खोलता है, जिन्होंने लंबे समय से भारत में शरण ली हुई है। इस कानून में किसी भी भारतीय, चाहे वह किसी मजहब का हो, की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है।भारत के मुस्लिमों या किसी भी धर्म और समुदाय के लोगों की नागरिकता को इस कानून से कोई खतरा नहीं है।


CAA कब हुआ था पारित

CAA को भारतीय संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था, जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ थे। राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी भी दे दी गई थी। मोदी सरकार और उसके समर्थक जहां इसे ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं, वहीं विपक्ष, मुस्लिम संगठन द्वारा इसका काफी विरोध किया जा रहा हैं।


नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA का फुल फॉर्म Citizenship Amendment Act है। ये संसद में पास होने से पहले CAB यानी (Citizenship Amendment Bill) था। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ये बिल नागरिक संशोधन कानून (CAA, Citizenship Amendment Act) यानी एक्ट बन गया है।

किसे मिल सकेगी नागरिकता

CAA लागू होने के बाद नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास होगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। बता दें कि जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए थे, उन्हें ही नागरिकता मिलेगी। इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए हैं या फिर वैध दस्तावेज के साथ तो भारत में आए हैं, लेकिन तय अवधि से ज्यादा समय तक यहां रुक गए हों।