हर मां के लिए उसका बेटा उसकी दुनिया होता है। और बदलापुर की एक मां की दुनिया शनिवार को राख बन गई।
दीपक पाठक, जो एयर इंडिया में बतौर क्रू मेंबर अपने करियर की ऊंचाई पर था, अब चिरनिद्रा में है। हादसे की खबर आई थी, लेकिन मां को उम्मीद थी कि 'शायद वो नहीं होगा'। पर शुक्रवार को जब डीएनए रिपोर्ट से शव की पुष्टि हुई, तो जैसे उम्मीद की अंतिम लौ भी बुझ गई।
शनिवार दोपहर जब दीपक का शव घर पहुंचा, तो पूरा घर रो पड़ा। घर से श्मशान तक की यात्रा में एक ही बात थी—"दीपक जैसा बेटा हर घर में हो, लेकिन किसी का बेटा यूं न जाए।"

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मां ने अंतिम बार बेटे का चेहरा देखा, और फिर पंचतत्व में समा गया दीपक"