एक बार फिर राजनीति शर्मसार हुई है। इस बार उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में। एक भाजपा नेता, जिन्हें अनुसूचित जातियों के उत्थान का जिम्मा सौंपा गया था, वो स्वयं चरित्रहीनता की मिसाल बनकर पकड़े गए देखिए 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻
श्मशान घाट जैसी जगह, जो शांति और आस्था का प्रतीक मानी जाती है, वहां इस तरह की गतिविधि न केवल सामाजिक मर्यादा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह बताती है कि सत्ता का अहंकार कैसे नैतिकता को निगल जाता है।
नेता राहुल वाल्मीकि का पार्टी से निष्कासन त्वरित कार्रवाई है, लेकिन यह सवाल छोड़ गया है: क्या केवल कार्रवाई ही पर्याप्त है, या राजनीतिक दलों को अपने भीतर आत्ममंथन की जरूरत है?