महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को मंगलवार को राज्य विधानसभा से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। वजह बनी उनकी बेकाबू उत्तेजना — वे प्रश्नकाल के बाद सीधे स्पीकर के पोडियम तक पहुंच गए और जमकर नोकझोंक करने लगे।
पटोले का आरोप था कि भाजपा विधायक बबनराव लोनिकर और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने किसानों के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए हैं। इसी के विरोध में वे आक्रोश में पोडियम तक जा पहुंचे। उन्होंने सदन में गरजते हुए कहा, "हमें हर दिन निलंबित होना मंजूर है, लेकिन हम किसानों के खिलाफ किसी भी शब्द को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटनाक्रम को ‘अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा’ बताया और कहा कि पूर्व स्पीकर को स्पीकर के खिलाफ इस तरह आक्रामक होना निंदनीय है। सरकार ने पटोले से माफी की अपेक्षा की, लेकिन इसके उलट वे दोबारा पोडियम पर चढ़े और कार्रवाई की मांग करते रहे।
नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा, "अगर किसानों की बात उठाना अपराध है, तो हमें यह अपराध बार-बार मंजूर है।"
सदन की गरिमा, किसान की पीड़ा और राजनीति का मंच—तीनों की सीमाएं इस घटना ने धुंधली कर दी हैं।