माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार आज बसंत पंचमी मनाई जाएगी। इसी दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना भी की जाएगी। कहा जाता है कि मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान का विस्तार होता है। मान्यता है कि माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुईं थी और इसीलिए इस तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। ज्ञान की देवी होने और इस तिथि को प्रकट होने की वजह से मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
इस दिन के लिए पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है। वसंत पंचमी के दिन पीले फूल, पीले मिष्ठान अर्पित करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने और भेंट करने चाहिए। इस दिन लोग सुबह उठाकर स्नान करते हैं। इसके बाद शिक्षा से जुड़ी चीजों की पूजा करते हैं। इस दिन जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। साथ ही साथ मां सरस्वती की आरती की जाती है।
पूजन सामग्रियों की लिस्ट पर एक नजर
मां सरस्वती की पूजा के दौरान विशेष रूप से दूध, दही, मक्खन, धान का लावा, तिल के लड्डू, गन्ने का रस, पका हुआ गुड़, चंदन, शुद्ध घी, अदरक, सफेद धान के अक्षत, श्वेत चंदन, पीला वस्त्र, शर्करा, नारियल, श्रीफल, बदरीफल, गुलाल आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार वसंत पंचमी शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। इस बार....
पंचमी तिथि आरंभ मुहूर्त: 16 फरवरी 2021 की सुबह 03 बजकर 36 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्ति मुहूर्त: 17 फरवरी 2021 को दोपहर 05 बजकर 46 मिनट तक
सरस्वती पूजा का शुभ मुहुर्त: 16 फरवरी 2021 को सुबह 06:59 से दोपहर 12:35 मिनट तक
बसंत पंचमी के दिन लगाएं भोग
इस दिन के लिए पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है। वसंत पंचमी के दिन पीले फूल, पीले मिष्ठान अर्पित करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने और भेंट करने चाहिए।